Crime News: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मां ने अपनी कोख से जन्मी 7 दिन की नवजात बच्ची को जलते हुए चूल्हे की आग में फेंक दिया। नवजात बच्ची आग में झुलसने के कारण बुरी तरह से जल गई। बच्ची के पिता उसे उपचार के लिए पास के सीएचसी ले गए, जहाँ से डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे लखनऊ रेफर कर दिया। इस बीच, पति ने पत्नी पर नशे की लत का गंभीर आरोप लगाया है और कहा है कि वह इस पूरी घटना की शिकायत पुलिस से करेगा।
क्या है पूरा मामला
यह घटना उन्नाव जिले के असिवान थाना क्षेत्र के कायमपुर निम्बरवारा की है। यहाँ के निवासी सोनू मजदूरी करते हैं। सोनू की पत्नी रोशनी ने एक सप्ताह पहले एक बच्ची को जन्म दिया था। लेकिन इस मासूम बच्ची ने ऐसा कौन सा अपराध कर दिया था कि उसकी माँ ने इस हद तक निर्दयता दिखाई? बच्ची तो अभी अपनी मां को पहचानना भी नहीं सीख पाई थी।
सोनू ने बताया कि उन्होंने करीब 8 साल पहले रोशनी से कोर्ट मैरिज की थी। इस दंपत्ति की पहले से दो बेटियां और एक बेटा हैं – 7 साल की खुशी, 5 साल की काव्या और 3 साल का आर्यन। 2 नवंबर को सोनू की पत्नी रोशनी ने एक और बच्ची को जन्म दिया था। शुक्रवार शाम को उसकी नवजात बेटी चूल्हे में गिर गई और बुरी तरह से जल गई।
बेटी के जन्म से खुश नहीं थी मां
सोनू ने बताया कि उसकी पत्नी नवजात बेटी के जन्म से खुश नहीं थी। 8 नवंबर 2024 को, लगभग शाम 7 बजे, पत्नी रोशनी ने गुस्से में आकर नवजात बच्ची को जलते चूल्हे में फेंक दिया। जिससे मासूम बच्ची का शरीर बुरी तरह झुलस गया। तब पिता सोनू को बड़ी बेटी खुशी की चीखें सुनाई दीं और वे घर के अंदर पहुंचे। वहां बच्ची को जलते चूल्हे में देखकर वे सन्न रह गए। सोनू ने तुरंत बच्ची को बाहर निकाला और उसे पास के मियागंज सीएचसी ले गए, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने उसकी गंभीर स्थिति देखते हुए लखनऊ के सिविल अस्पताल रेफर कर दिया।
महिलाओं में रोष और मानसिक स्थिति पर सवाल
इस घटना के बाद से इलाके की महिलाएं इस क्रूरता पर काफी नाराज हैं। कई महिलाएं इस पर चर्चा कर रही हैं कि आखिर एक मां अपनी ही बेटी के साथ इतनी निर्दयता कैसे कर सकती है। कुछ का मानना है कि रोशनी की मानसिक स्थिति की जाँच कराई जानी चाहिए।
मामले को लेकर सोनू ने बताया कि उसकी पत्नी नशे की आदी है और शायद इस कारण उसकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं रहती। सोनू का कहना है कि वह इस मामले की पूरी जानकारी पुलिस को देगा ताकि दोषी को सज़ा मिल सके और उसकी बेटी को न्याय मिल सके।
समाज पर उठते सवाल
इस घटना ने समाज के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर क्यों एक मां अपनी ही संतान को जन्म के बाद स्वीकार नहीं कर पाती? क्या इसका कारण मानसिक तनाव, नशे की लत या फिर बेटी के प्रति समाज में फैले पूर्वाग्रह हैं? यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि ऐसी क्रूरता के मामलों में समाज को कैसे जागरूक किया जाए और ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जाए।