NH-40: केंद्र ने आंध्र प्रदेश के कडप्पा खंड में NH-40 पर चार-लेन सुरंग निर्माण को मंजूरी दी

NH-40: केंद्र ने आंध्र प्रदेश के कडप्पा खंड में NH-40 पर चार-लेन सुरंग निर्माण को मंजूरी दी

NH-40: केंद्र सरकार ने राज्य में दो राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) खंडों के विस्तार को मंजूरी दी है। इसमें से एक प्रमुख परियोजना है, जिसमें आंध्र प्रदेश के कडप्पा क्षेत्र में NH-40 के विस्तार के तहत चार-लेन सुरंग का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य यातायात की सुगमता बढ़ाना और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को सुधारना है।

अनकापल्ली के सांसद सीएम रमेश ने इस विकास की जानकारी दी और बताया कि एनएच-16, जो राजामहेंद्रवरम से अनकापल्ली तक फैला है, को छह लेन में परिवर्तित किया जाएगा, जबकि एनएच-40 के रयाचोटी और कडप्पा खंड में चार-लेन सड़क और सुरंग का निर्माण किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से रमेश को इस मंजूरी के बारे में सूचित किया।

राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तार से यातायात पर सकारात्मक प्रभाव

सीएम रमेश ने कहा कि इन परियोजनाओं से यातायात प्रवाह में सुधार होगा और राज्य के विभिन्न हिस्सों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी। एनएच-16 को छह लेन में बदलने की प्रक्रिया में अनकापल्ली-आन्नावरम-दीवांचेरु रवु खंड (741.255 किमी से लेकर 903.000 किमी तक) का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) भी तैयार की जा रही है, जिसे एक विशेषज्ञ कंसल्टेंट द्वारा मार्गदर्शन किया जाएगा।

 NH-40: केंद्र ने आंध्र प्रदेश के कडप्पा खंड में NH-40 पर चार-लेन सुरंग निर्माण को मंजूरी दी

उन्होंने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करना और इस मार्ग पर वाहनों की गति को बढ़ाना है। विशेष रूप से राजामहेंद्रवरम से अनकापल्ली तक के ट्रैफिक को अब अधिक सुगमता से नियंत्रित किया जा सकेगा।

कडप्पा में चार-लेन सुरंग का निर्माण

एनएच-40 के कडप्पा खंड में सुरंग का निर्माण एक और महत्वपूर्ण पहल है। रयाचोटी और कडप्पा के बीच इस सुरंग का निर्माण 211.500 किमी से लेकर 217.200 किमी तक किया जाएगा। यह सुरंग पहाड़ी इलाकों के बीच बनेगी, जहां यातायात की गति को नियंत्रित करना और मार्ग को अधिक सुरक्षित बनाना महत्वपूर्ण है।

रमेश ने बताया कि इस सुरंग को 2024-25 के वार्षिक बुनियादी ढांचा योजना में शामिल किया गया है। हालांकि, सुरंग निर्माण के लिए वन विभाग से मार्ग की स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक होगा, जो इस परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुरंग पहाड़ी क्षेत्र में यातायात को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाएगी, साथ ही इस क्षेत्र के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

केंद्र सरकार का आभार

सीएम रमेश ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं से आंध्र प्रदेश में बुनियादी ढांचे का निर्माण तेजी से होगा, जो राज्य की आर्थिक प्रगति में योगदान करेगा। उन्होंने कहा, “यह परियोजना राज्य में लोगों की यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाने में मदद करेगी, और साथ ही राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी।”

रमेश ने इस बात का भी उल्लेख किया कि इस परियोजना से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन परियोजनाओं के माध्यम से राज्य में नई नौकरियों का सृजन होगा और विकास के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

परियोजना के लाभ

  1. यातायात की सुगमता: दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार से क्षेत्रीय यातायात की गति में सुधार होगा और ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान होगा।
  2. अर्थव्यवस्था में सुधार: बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।
  3. सुरक्षा: सुरंग निर्माण से पहाड़ी इलाकों में यात्रा सुरक्षित होगी, और दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।
  4. नौकरियों का सृजन: इन परियोजनाओं के निर्माण और संचालन से स्थानीय रोजगार सृजित होंगे, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
  5. पर्यटन को बढ़ावा: बेहतर कनेक्टिविटी से कडप्पा और रयाचोटी जैसे पर्यटन स्थलों के विकास में मदद मिलेगी, जो स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देगा।

वन विभाग से अनुमोदन

हालांकि, सुरंग निर्माण के लिए वन विभाग से मार्ग की स्वीकृति प्राप्त करना जरूरी है। इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, लेकिन अधिकारियों का मानना ​​है कि इसे जल्दी से पूरा किया जाएगा, क्योंकि यह परियोजना राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। सुरंग के निर्माण के बाद, कडप्पा क्षेत्र में यातायात की स्थिति में बड़े पैमाने पर सुधार होगा, जिससे इस क्षेत्र का विकास तेज़ी से होगा।

केंद्र द्वारा मंजूरी प्राप्त इन दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं से आंध्र प्रदेश में बुनियादी ढांचा निर्माण को एक नई दिशा मिलेगी। राज्य में बेहतर कनेक्टिविटी और यातायात की सुगमता को ध्यान में रखते हुए, ये परियोजनाएं राज्य की समग्र आर्थिक और सामाजिक प्रगति में योगदान करेंगी। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परियोजनाएं पर्यावरणीय और वन संबंधित अनुमतियों के अनुरूप हों, जिससे विकास और संरक्षण दोनों में संतुलन बना रहे।