Jhansi Medical College Fire: झांसी मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में लगी आग ने 10 नवजात शिशुओं की जान ले ली। इस दुखद घटना के बाद राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है। वहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने मीडिया से बातचीत करते हुए इसे बेहद दुखद और चिंताजनक घटना बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं, और इसके लिए प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिम्मेदार हैं।
अजय राय का बयान
अजय राय ने कहा, “यह एक बेहद दुखद घटना है। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। उत्तर प्रदेश में इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। यह सरकार केवल जांच के आदेश दे रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे देश में नफरत की राजनीति कर रहे हैं, जबकि उन्हें प्रदेश की जनता की देखभाल करनी चाहिए। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। यह सरकार अफसरशाही के भरोसे चल रही है। यूपी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस हादसे के लिए जिम्मेदार हैं।”
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का बयान
झांसी मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) डॉ. सचिन माहौर ने इस घटना पर कहा कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी। उन्होंने बताया कि हादसे के समय NICU में कुल 49 बच्चे भर्ती थे। इनमें से 39 बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया है और उनकी हालत स्थिर है। इस हादसे में 10 बच्चों की जान चली गई, जिनमें से 3 बच्चों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है।
अखिलेश यादव का बयान
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने झांसी हादसे को दुखद और चिंताजनक बताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “यह घटना प्रशासन और चिकित्सा प्रबंधन की घोर लापरवाही का परिणाम है। शुरुआती जांच में आग लगने की वजह ‘ऑक्सीजन कंसंट्रेटर’ में खराबी बताई जा रही है। यह या तो प्रशासन की लापरवाही है या फिर घटिया गुणवत्ता वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का इस्तेमाल। इस मामले में जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री को चुनाव प्रचार छोड़कर स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा पर ध्यान देना चाहिए।”
मायावती का बयान
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने झांसी हादसे पर इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए लिखा, “झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत का मामला बेहद दुखद और चिंताजनक है। ऐसी घटनाओं में दोषियों को सख्त कानूनी सजा मिलनी चाहिए। सरकार को इस घटना से प्रभावित परिवारों की हर संभव सहायता करनी चाहिए।”
आग लगने की वजह और प्रशासन की लापरवाही
प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी। वहीं, कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि आग ‘ऑक्सीजन कंसंट्रेटर’ में खराबी की वजह से लगी। यह घटना चिकित्सा प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। मेडिकल कॉलेज जैसे संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा उपायों की कमी और आपातकालीन व्यवस्था का अभाव ऐसे हादसों का बड़ा कारण बनता है।
राजनीतिक दलों की मांगें
इस घटना के बाद सभी राजनीतिक दलों ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा ने एक सुर में यह मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दी जाए।
सरकार की भूमिका पर सवाल
इस घटना ने उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा और सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष का आरोप है कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने के बजाय केवल राजनीतिक प्रचार और नफरत की राजनीति पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
झांसी मेडिकल कॉलेज की घटना ने न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सरकार का रवैया कितना गैरजिम्मेदाराना है। इस घटना से सबक लेते हुए, सरकार को मेडिकल संस्थानों में सुरक्षा मानकों को मजबूत करने और चिकित्सा प्रबंधन में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। जनता की जानमाल की सुरक्षा सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है, और ऐसी घटनाएं इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।