Railway Fare Discount: भारतीय रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली किराये में छूट को लेकर अब फिर से चर्चा शुरू हो गई है। मार्च 2020 में कोरोना महामारी के चलते रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए मिलने वाली किराया छूट को स्थगित कर दिया था, जिसके बाद से देश भर के वरिष्ठ नागरिक रेलवे यात्रा में बडी रकम चुकाते आ रहे हैं। इस बीच, अब ये सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार अगले कुछ समय में वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे किराया छूट की बहाली का ऐलान करेगी?
वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट
मौजूदा समय में, भारतीय रेलवे द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है। 2020 से पहले रेलवे द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को महिला वरिष्ठ नागरिकों को 50 प्रतिशत और पुरुष तथा ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40 प्रतिशत किराये में छूट दी जाती थी। इस छूट की व्यवस्था समाप्त होने के बाद से वरिष्ठ नागरिकों को पूरा किराया चुकाना पड़ता है, जिससे उनके लिए रेलवे यात्रा महंगी हो गई है।
रेलवे के लिए फायदे की बात
रेलवे विभाग ने इस कदम को फायदे का सौदा बताया है। रेलवे के अनुसार, वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट को समाप्त करने से रेलवे को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है। 2020 में जब यह छूट समाप्त की गई, तब रेलवे को 5,062 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ था, जिसमें से 2,242 करोड़ रुपये का योगदान केवल वरिष्ठ नागरिकों से हुआ। इसमें 4.6 करोड़ पुरुष यात्री, 3.3 करोड़ महिला यात्री और लगभग 18,000 ट्रांसजेंडर यात्री शामिल थे।
क्या कहते हैं रेलवे मंत्री?
रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 2022 में संसद में कहा था कि वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे किराया छूट की बहाली की लगातार मांग आ रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया था कि इस छूट को फिर से लागू करने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। इसके बावजूद, दिसंबर 2023 में एक बार फिर से इस विषय पर चर्चा करते हुए वैष्णव ने बताया कि रेलवे को 2019-20 में 59,837 करोड़ रुपये की भारी सब्सिडी देना पड़ी थी। उन्होंने कहा, “रेलवे यात्रियों के लिए इस सब्सिडी का उद्देश्य समाज के हर वर्ग को सुविधा प्रदान करना था, और हर यात्री को औसतन 53 प्रतिशत छूट मिली थी।”
विशेष छूटों की व्यवस्था
रेलवे मंत्री ने यह भी कहा कि इस सब्सिडी के बावजूद रेलवे अन्य विशेष श्रेणियों को अतिरिक्त छूट प्रदान कर रहा है। इनमें दिव्यांगजन ( विकलांग व्यक्तियों), 11 प्रकार के रोगियों और आठ श्रेणियों के विद्यार्थियों को अतिरिक्त छूट प्रदान की जाती है। इसके साथ ही, मंत्री ने यह भी साफ किया कि रेलवे की नीतियों में ऐसे बदलाव किए गए हैं जिससे समाज के हर वर्ग को फायदा हो सके।
वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ी चिंता
वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे किराया छूट की बहाली को लेकर लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि सरकार जल्द ही इस पर कोई ठोस फैसला ले सकती है। वरिष्ठ नागरिकों की यात्रा के दौरान आर्थिक बोझ को देखते हुए कई वरिष्ठ नागरिक संगठनों और सामाजिक संगठनों ने सरकार से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए क्या विकल्प हैं?
हालांकि, रेलवे ने अब तक किराया छूट की बहाली के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ विशेष पहल की योजना बनाई जा रही है। एक अनुमान के अनुसार, अगर सरकार अगले वित्तीय वर्ष में वरिष्ठ नागरिकों के लिए फिर से किराया छूट की घोषणा करती है, तो यह लाखों नागरिकों के लिए राहत का सबब बनेगा।
इसके साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे में अन्य सुधार भी किए जा सकते हैं, जैसे कि उनकी यात्रा को और अधिक आरामदायक और सस्ता बनाने के लिए नई योजनाओं का ऐलान किया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि रेलवे अगर अपनी नीति में कुछ बदलाव करता है, तो यह न केवल वरिष्ठ नागरिकों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।
हालांकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे किराया छूट की बहाली को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन यह साफ है कि इस मुद्दे पर सरकार और रेलवे विभाग गंभीरता से विचार कर रहे हैं। आने वाले समय में इस पर सरकार के द्वारा कोई घोषणा की जा सकती है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे यात्रा में राहत मिलेगी। यह देखना होगा कि रेलवे विभाग अपने राजस्व और वरिष्ठ नागरिकों के हितों के बीच संतुलन कैसे बनाता है।