Haryana: प्रदूषण के कारण 18 से 22 नवम्बर स्कूलों की छुट्टी, जानें पूरी जानकारी

School will be closed

Haryana: हरियाणा के नूंह जिले में बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रशासन ने 18 नवम्बर से 22 नवम्बर तक कक्षा 5 तक के सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और निजी स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की है। यह निर्णय एयर क्वालिटी के लगातार खराब होते स्तर को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि बच्चों की सेहत को सुरक्षित रखा जा सके।

नूंह प्रशासन का आदेश: 18 से 22 नवम्बर तक स्कूल बंद

नूंह के जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से जारी एक आदेश के मुताबिक, यह छुट्टियां सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और निजी स्कूलों के लिए घोषित की गई हैं। यह निर्णय 16 नवम्बर 2024 को हरियाणा के निदेशक प्राथमिक शिक्षा कार्यालय द्वारा जारी एक पत्र और 17 नवम्बर 2024 को नूंह के डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय से प्राप्त एक टेलीफोन संदेश के आधार पर लिया गया है।

आदेश में कहा गया है, “हाई एयर पॉल्यूशन के कारण जिला नूंह में 18 नवम्बर 2024 से 22 नवम्बर 2024 तक कक्षा 1 से 5 तक के सभी सरकारी/अर्ध-सरकारी/निजी स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है। सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने ब्लॉकों में इस आदेश को सख्ती से लागू करें। यह छुट्टियां केवल छात्रों के लिए हैं, शिक्षक एवं अन्य कर्मचारियों के लिए यह आदेश लागू नहीं होगा।”

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प्रदूषण से बिगड़ती हवा की गुणवत्ता

नूंह जिले में प्रदूषण के स्तर में भारी वृद्धि के कारण यह कदम उठाया गया है। सोमवार को हरियाणा के कर्णाल शहर में घने धुंए की परत ने शहर को ढक लिया, और वायु गुणवत्ता में निरंतर गिरावट देखी गई। कर्णाल का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 259 था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इसी तरह, अंबाला में भी 177 का AQI दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में है।

पंजाब के जालंधर में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है, जहां AQI 211 था, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। दिल्ली का AQI भी सोमवार सुबह ‘गंभीर प्लस’ स्तर पर पहुंच गया था, जिसमें प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का AQI 8 बजे 484 पर था, जो कि ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में आता है।

दिल्ली में GRAP चरण-4 की शुरुआत

दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-4 को लागू कर दिया है। यह निर्णय दिल्ली का दैनिक औसत AQI रविवार शाम 4 बजे 441 और 7 बजे 457 तक पहुंचने के बाद लिया गया, जिस कारण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान की आपात बैठक बुलानी पड़ी।

चरण-4 के तहत आठ प्रमुख उपायों का एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जो प्रदूषण संकट को कम करने के लिए लागू किए जाएंगे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण उपायों में दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, केवल आवश्यक वस्त्रों या सेवाओं के लिए ट्रकों की अनुमति देना, और इलेक्ट्रिक, सीएनजी या BS-VI डीजल ट्रकों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति देना शामिल है।

इसके अलावा, दिल्ली में निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर प्रतिबंध को सार्वजनिक अवसंरचना परियोजनाओं जैसे राजमार्गों, सड़कों, फ्लायओवरों और पावर ट्रांसमिशन लाइनों तक विस्तारित किया गया है।

स्कूलों में छुट्टी का उद्देश्य और प्रभाव

नूंह में स्कूलों की छुट्टी का उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना है, क्योंकि प्रदूषण के स्तर में भारी वृद्धि से सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। बच्चों के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वे ऐसे वातावरण से बचें, जो उनकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब प्रदूषण की समस्या केवल नूंह तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे राज्य और आसपास के क्षेत्रों में फैल चुकी है। प्रदूषण के कारण आस-पास के शहरों में भी वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है।

आगे की कार्रवाई और समाधान

नूंह में स्कूलों में छुट्टी घोषित करने के अलावा, प्रशासन ने प्रदूषण की समस्या को दूर करने के लिए विभिन्न उपायों की योजना बनाई है। इन उपायों में वृक्षारोपण, वाहनों के प्रदूषण स्तर की जांच, और हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए विभिन्न परियोजनाओं को लागू किया जाएगा।

इस समय, प्रशासन की ओर से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि लोग प्रदूषण के खतरों के प्रति जागरूक रहें और जो भी आवश्यक कदम उठाए जा सकें, उन्हें लागू किया जाए। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी नागरिकों से भी सहयोग की अपील की जा रही है।

हरियाणा के नूंह जिले में प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए स्कूलों की छुट्टी की घोषणा एक समझदारी भरा कदम है। यह न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी था, बल्कि यह उनके स्वास्थ्य को लेकर प्रशासन की जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए कई और उपायों की आवश्यकता है, और उम्मीद है कि प्रशासन इस दिशा में भी सख्त कदम उठाएगा, ताकि आने वाले दिनों में प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।