Delhi Air Pollution: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनज़र आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को X पर पोस्ट करके बताया कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों में ‘वर्क फ्रॉम होम’ लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत, अब 50 प्रतिशत सरकारी कर्मचारी घर से काम करेंगे। इस निर्णय के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों की आपातकालीन बैठक भी बुलाई है।
दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहद खराब
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। हालांकि, तेज हवाओं के कारण थोड़ी राहत मिली है, फिर भी दिल्ली का AQI आज भी बेहद गंभीर स्थिति में है। बुधवार (20 नवंबर) सुबह 6:45 बजे के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का AQI 388 रिकॉर्ड किया गया, जो कि अत्यंत खराब श्रेणी में आता है।
दिल्ली के विभिन्न इलाकों में AQI के आंकड़े इस प्रकार रहे:
- द्वारका और उत्तम नगर में AQI 388
- जनकपुरी में AQI 384
- सुखदेव विहार में AQI 381
- अलीपुर में AQI 379
- शालीमार बाग में AQI 377
- रोहिणी में AQI 382
- मॉडल टाउन में AQI 377
इसके अलावा, दिल्ली के अधिकांश इलाकों में AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया है, जो कि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
केंद्र से कृत्रिम बारिश की अनुमति की अपील
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को केंद्रीय सरकार से अपील की थी कि प्रदूषण के बढ़ते संकट को देखते हुए पड़ोसी राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक बुलाई जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से कई बार कृत्रिम बारिश की अनुमति देने की मांग की थी, लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
गोपाल राय ने कहा कि कृत्रिम बारिश दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि केंद्रीय सरकार को इस मुद्दे पर शीघ्र निर्णय लेने की आवश्यकता है ताकि दिल्लीवासियों को शुद्ध हवा मिल सके और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार के प्रयास
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। वर्क फ्रॉम होम के निर्णय के अलावा, दिल्ली सरकार ने पहले भी प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए कई अभियान चलाए हैं, जिनमें निर्माण कार्यों पर रोक, सड़कों पर पानी छिड़काव और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शामिल है।
हालांकि, प्रदूषण का स्तर अब भी चिंताजनक है, और ऐसे में केंद्रीय और राज्य सरकारों को मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और जनता की सेहत की रक्षा की जा सके।
दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है, और इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने ‘वर्क फ्रॉम होम’ का निर्णय लिया है। यह कदम वायु प्रदूषण के प्रभावों को कम करने और सरकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं, केंद्रीय सरकार से कृत्रिम बारिश की अनुमति के लिए की गई अपील यह दिखाती है कि प्रदूषण के इस गंभीर संकट से निपटने के लिए और भी ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
सरकारी दफ्तरों में ‘वर्क फ्रॉम होम’ लागू
दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है कि सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी जाएगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करना है। बैठक में यह तय किया जाएगा कि ‘वर्क फ्रॉम होम’ नीति को किस प्रकार लागू किया जाएगा ताकि सरकारी कामकाज में कोई रुकावट न हो।
मंत्री ने बताया कि यह कदम दिल्ली के नागरिकों की सेहत को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, इसलिये घर से काम करने का निर्णय लिया गया है।