Weather: दिल्ली-NCR और हरियाणा में मानसून अलर्ट: क्या करें और क्या न करें

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Weather: दिल्ली-NCR और हरियाणा में मानसून के आगमन की आधिकारिक घोषणा भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा की गई है। IMD के अनुसार, इस वर्ष मानसून सामान्य से थोड़ा देर से पहुंचा है, लेकिन इसके बावजूद इसके प्रभाव और वर्षा की मात्रा में कोई कमी नहीं होगी। मानसून की पहली बारिश का अनुमान 20 जून के आसपास है, जो कि पिछले वर्षों के मुकाबले लगभग एक सप्ताह की देरी से है।

मौसम विभाग ने इस वर्ष मानसून के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना जताई है। यह अनुमान 100-110% के बीच है, जो कि कृषि और जल संसाधनों के लिए महत्वपूर्ण है। दिल्ली-NCR और हरियाणा में पिछले कुछ वर्षों के मानसून के आंकड़ों की तुलना करें तो, 2021 में मानसून ने 25 जून को दस्तक दी थी और 2020 में यह 20 जून को ही आ गया था।

IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, इस वर्ष मानसून की बारिश की मात्रा 850-900 मिमी के बीच हो सकती है। यह सामान्य वर्षा से थोड़ी अधिक है और इससे कृषि को लाभ होगा। हालांकि, अधिक वर्षा के कारण बाढ़ का खतरा भी बढ़ सकता है, जिससे निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है।

पिछले वर्षों की तुलना में, 2019 में मानसून की बारिश 820 मिमी हुई थी जबकि 2020 में यह 870 मिमी थी। इस वर्ष के पूर्वानुमान के अनुसार, बारिश की मात्रा 850-900 मिमी के बीच हो सकती है। यह संकेत देता है कि इस वर्ष भी अच्छी बारिश होने की संभावना है, जो कि कृषि और जल संसाधनों के लिए सकारात्मक संकेत है।

हरियाणा में आज कहां हुई बारिश, जानिए कल कैसा रहेगा मौसम
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प्रभावित क्षेत्रों की सूची

दिल्ली-NCR और हरियाणा में मानसून के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़, जलजमाव और यातायात जाम जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस खंड में, हम उन क्षेत्रों की सूची प्रस्तुत कर रहे हैं जो मानसून के दौरान सबसे अधिक प्रभावित होंगे।

शहरी क्षेत्रों में, दिल्ली के कुछ प्रमुख प्रभावित क्षेत्र हैं:

कश्मीरी गेट
मयूर विहार
आईटीओ
साउथ एक्सटेंशन
ओखला

ये क्षेत्र भारी बारिश के दौरान जलजमाव और यातायात जाम की समस्याओं से जूझते हैं। इनमें से कुछ क्षेत्रों में जल निकासी की व्यवस्था कमजोर है, जिससे जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होती है।

हरियाणा में, जिन क्षेत्रों में मानसून का सबसे अधिक प्रभाव देखा जाता है, उनमें शामिल हैं:

गुरुग्राम
फरीदाबाद
सोनीपत
पानीपत
अंबाला

गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे इलाकों में भीषण यातायात जाम और जलजमाव की समस्याएं आम हैं। पानीपत और सोनीपत जैसे शहरों में बाढ़ की संभावना अधिक होती है, जो ग्रामीण क्षेत्रों तक भी फैली होती है।

ग्रामीण क्षेत्रों में, विशेषकर निचले इलाकों में जलजमाव और बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है। इन क्षेत्रों में किसानों के लिए फसल नुकसान का खतरा भी बना रहता है।

इन क्षेत्रों के निवासियों को मानसून के दौरान विशेष सावधानियों का पालन करना चाहिए। जलजमाव के कारण सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं, इसलिए वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। साथ ही, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली के तारों से दूर रहें और आवश्यकतानुसार सुरक्षित स्थानों पर जाएं।

सुरक्षा और तैयारी के उपाय

मानसून के दौरान दिल्ली-NCR और हरियाणा में सुरक्षा और तैयारी के लिए आवश्यक कदम उठाना महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, घर में पानी का संचयन सुनिश्चित करें। बारिश के पानी को संचय करने के लिए टंकियों या अन्य वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का उपयोग किया जा सकता है। इससे न केवल जल संकट के समय में मदद मिलेगी, बल्कि पर्यावरण की भी सुरक्षा होगी।

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आपातकालीन किट तैयार करना अगला महत्वपूर्ण कदम है। इसमें प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च, अतिरिक्त बैटरी, आवश्यक दवाइयाँ, और कुछ खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए। इसके अलावा, बैटरी बैकअप रखना भी जरूरी है, विशेषकर बिजली कटौती के समय। इसलिए, इन्वर्टर या पोर्टेबल चार्जर का स्टॉक रखना लाभकारी हो सकता है।

बाढ़ और जलजमाव के दौरान सुरक्षित स्थानों की पहचान करना अत्यंत आवश्यक होता है। अपने घर और आसपास के क्षेत्रों में ऊँची जगहों को पहले से चिन्हित करें। इससे बाढ़ के समय शीघ्रता से सुरक्षित स्थान पर पहुंचा जा सकेगा। इसके अलावा, सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करना भी जरूरी है। संबंधित विभागों से जारी की गई चेतावनियों और सलाहों को समय-समय पर चेक करते रहें।

बाढ़ और जलजमाव के दौरान बचाव के उपायों पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है। यदि किसी क्षेत्र में जलजमाव हो जाता है, तो उस स्थान से तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाएं। गहरे पानी में चलने से बचें और यदि जरूरी हो, तो लकड़ी या किसी अन्य स्थिर वस्तु का सहारा लें।

मानसून के दौरान सुरक्षा और तैयारी के लिए इन उपायों को अपनाकर आप और आपका परिवार सुरक्षित रह सकते हैं। मानसून के मौसम में थोड़ी सी सावधानी और तैयारी आपको बेमौसम आपदाओं से बचा सकती है।

मानसून के दौरान संभावित आपदाओं से निपटने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। दिल्ली-NCR और हरियाणा में बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने और प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए राहत शिविरों की स्थापना की गई है। इन शिविरों में प्रभावित लोगों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा सुविधा और अन्य आवश्यकताओं की व्यवस्था की गई है।

आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने विभिन्न विभागों को सक्रिय कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, और फायर ब्रिगेड ने आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए विशेष टीमें बनाई हैं। इसके अलावा, जल निकासी और बांधों की स्थिति पर निगरानी के लिए विशेष दल तैनात किए गए हैं।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष योजनाओं का भी प्रावधान किया गया है। सरकार ने अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों में जल निकासी प्रणाली को मजबूत करने और नदियों के किनारे पर बांधों को सुदृढ़ करने के लिए कदम उठाए हैं। इसके अलावा, किसानों और अन्य प्रभावित लोगों के लिए मुआवजा योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।

सरकारी सहायता के लिए नागरिकों को आवश्यक संपर्क जानकारी भी प्रदान की गई है। आपातकालीन सहायता के लिए आप हेल्पलाइन नंबर 1077 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन और पुलिस के संपर्क नंबर भी जनता को उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता प्राप्त की जा सके।

इन सरकारी प्रयासों का मुख्य उद्देश्य मानसून के दौरान नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया और सहायता प्रदान करना है। सरकार के ये कदम नागरिकों को सुरक्षित और संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।