Air pollution crisis in Haryana: अंबाला में राहत, पानीपत में ग्रेप 4 के तहत प्रतिबंध, जनता से सहयोग की अपील

Air pollution crisis in Haryana

Air pollution crisis in Haryana: हरियाणा में वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे के बीच कई जिले गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं। राज्य में अधिकतर जिलों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रेड और ऑरेंज अलर्ट की स्थिति में है, जबकि अंबाला एकमात्र जिला है जो येलो अलर्ट पर है। यह स्थिति पिछले कुछ दिनों से बनी हुई है, और इस पर चिंता जताई जा रही है। वहीं, यह अजीब है कि जब पराली जलाने के मामले में कमी आई है, तब भी वायु प्रदूषण में वृद्धि देखी जा रही है।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में वृद्धि

हरियाणा के अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत जिलों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो गई है। अंबाला में सोमवार को AQI 322 रिकॉर्ड किया गया, जो कि खतरनाक स्तर पर है। वहीं, करनाल में AQI 353, कुरुक्षेत्र में 338 और पानीपत में 319 तक पहुंच चुका है। इस स्थिति में प्रदूषण का मुख्य कारण छोटे कण (PM 2.5 और PM 10) हैं, जो आंखों से दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन इनसे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है।

विशेष रूप से दोपहर के समय जब वाहनों की आवाजाही बढ़ जाती है, तो प्रदूषण का स्तर और बढ़ जाता है। इस समय हवा में प्रदूषक तत्व ज्यादा रहते हैं, जो लोगों के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकते हैं।

Air pollution crisis in Haryana

निर्माण कार्य और आग की लापरवाही

जबकि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कई उपाय किए गए हैं, लेकिन हरियाणा के GT रोड बेल्ट क्षेत्र में स्थिति ज्यादा नियंत्रण में नहीं है। यहां पर निर्माण कार्यों, कूड़ा जलाने और अन्य गतिविधियों पर कोई ठोस रोक नहीं है, जिसके कारण प्रदूषण का स्तर और बढ़ रहा है।

हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इस समय वातावरण में ठंडक है और आर्द्रता अधिक है, जिससे प्रदूषक तत्व ऊपर उठने के बजाय वायुमंडल में फैले हुए हैं। इस कारण प्रदूषण का स्तर और भी अधिक दिखाई दे रहा है।

वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय

हरियाणा सरकार ने अब पानीपत जिले में वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण का पालन करना शुरू कर दिया है। इसके तहत कई प्रतिबंध लागू किए गए हैं ताकि प्रदूषण का स्तर घट सके। जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से सहयोग की अपील की है और कहा है कि लोग केवल जरूरी कामों के लिए ही बाहर निकलें। अस्थमा के मरीजों को अपनी दवाइयां पास रखने की सलाह दी गई है और किसी को भी खांसी, सांस लेने में तकलीफ या बेहोशी जैसी समस्याओं का सामना हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

पानीपत के जिला उपायुक्त डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया ने कहा कि अगर किसी नागरिक को प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों का सामना करना पड़ता है, तो वे 311 ऐप या SAMEER ऐप पर इसकी शिकायत कर सकते हैं। साथ ही, उन्हें यह सलाह दी गई है कि वे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, वाहनों के टायर हवा से भरे रखें, और पुराने डीजल वाहनों का उपयोग न करें।

इसके अलावा, निर्माण कार्यों, कूड़ा जलाने और अन्य प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों से बचने की अपील की गई है। केवल आवश्यक सेवा प्रदान करने वाले ट्रकों को राहत दी गई है और BS-6 डीजल, CNG और LNG से चलने वाले ट्रकों को चलने की अनुमति दी गई है।

प्रदूषण से बचने के लिए नागरिकों से अपील

हरियाणा के नागरिकों से अपील की गई है कि वे प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन के साथ सहयोग करें। इस समय प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि यह वन्यजीवों के लिए भी खतरे की घंटी है। AQI का स्तर 400 से ऊपर जा चुका है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है।

जिला प्रशासन ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए जितनी भी कार्रवाई की जा रही है, उसकी सफलता नागरिकों के सहयोग पर निर्भर करती है। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों से बचें और किसी भी तरह से वायु प्रदूषण को बढ़ावा न दें।

हरियाणा के विभिन्न जिलों में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। हालांकि अंबाला में राहत मिल रही है, लेकिन पानीपत और अन्य जिलों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो चुका है। इस स्थिति को सुधारने के लिए जिला प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं और नागरिकों से सहयोग की अपील की है। यदि यह स्थिति यूं ही जारी रही, तो इसके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं, जिससे बचने के लिए नागरिकों को प्रदूषण से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी है।