Haryana:हरियाणा के CM Nayab saini ने अस्थायी कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए राज्य के एक लाख 20 हजार अस्थायी कर्मचारियों की नौकरियों को स्थायी कर दिया है। यह फैसला उन कर्मचारियों पर लागू होगा, जो पांच साल से सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों और स्वायत्त संस्थानों में अनुबंध पर काम कर रहे हैं और जिनकी अधिकतम मासिक वेतन सीमा 50 हजार रुपये है। इस निर्णय से इन कर्मचारियों के परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
सोमवार को विधानसभा में हरियाणा कॉन्ट्रैक्चुअल इम्प्लॉयज (अश्योरेंस ऑफ सर्विस) बिल-2024 पारित किया गया, जिससे इन कर्मचारियों की सेवाएं सेवानिवृत्ति की उम्र तक बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया।
अस्थायी कर्मचारियों के अधिकार और सुविधाओं की पुष्टि
इस बिल के तहत कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान कई सुविधाएं दी जाएंगी। पांच साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के न्यूनतम बेसिक पे स्केल से 5% अधिक वेतन मिलेगा। आठ साल से अधिक सेवा वाले कर्मचारियों को 10% और उससे अधिक पुरानी सेवा वाले कर्मचारियों को 15% अधिक वेतन का लाभ दिया जाएगा।
इसके अलावा, कर्मचारियों को 1 जनवरी और 1 जुलाई को महंगाई भत्ते के अनुपात में वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। उन्हें मातृत्व अधिनियम के तहत सभी सुविधाएं, मृत्यु-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी, और पीएम-जन आरोग्य योजना-चिरायु विस्तार योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। CM Nayab saini
कांग्रेस और अन्य दलों के सवाल
विपक्ष ने इस बिल पर अपनी आपत्तियां भी दर्ज कीं। झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने बिल में आरक्षण की कमी का मुद्दा उठाया, जबकि दादरी के इनेलो विधायक आदित्य देवी लाल ने अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग की। इस बीच, बदखल के बीजेपी विधायक धनेश अदलखा ने मुख्यमंत्री सैनी की तारीफ करते हुए कहा कि अब ठेकेदार कर्मचारियों के साथ मनमानी नहीं कर पाएंगे।
किन्हें नहीं मिलेगा लाभ?
बिल के तहत सभी अस्थायी कर्मचारियों को लाभ नहीं मिलेगा। केंद्रीय योजनाओं के तहत नियुक्त कर्मचारियों को इस कानून का लाभ नहीं दिया जाएगा, जिससे उनकी नौकरियों पर खतरा बना रहेगा।
इसके अलावा, अंशकालिक और मानदेय आधारित कर्मचारियों को भी इस कानून का लाभ नहीं मिलेगा। जो कर्मचारी 14 अगस्त से पहले हटा दिए गए हैं, उन्हें बहाल नहीं किया जाएगा।
गेस्ट टीचर्स को भी राहत
सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचर्स की नौकरियां भी सेवानिवृत्ति की उम्र तक सुरक्षित कर दी गई हैं। हालांकि, उनके वेतन में बढ़ोतरी की शर्त को हटा दिया गया है, जो पहले नियमित शिक्षकों के बेसिक वेतन से अधिक होने पर वेतन वृद्धि पर रोक लगाती थी।
तकनीकी शिक्षा संस्थानों और कॉलेजों में पढ़ाने वाले लगभग दो हजार गेस्ट और एक्सटेंशन प्रोफेसरों की सेवाएं भी स्थायी कर दी गई हैं। इसके लिए मंगलवार को विधानसभा में हरियाणा एक्सटेंशन प्रोफेसर एंड गेस्ट प्रोफेसर (एंश्योरमेंट ऑफ सर्विस) बिल-2024 और हरियाणा टेक्निकल एजुकेशन गेस्ट फैकल्टी (एंश्योरमेंट ऑफ सर्विस) बिल-2024 पास किए जाएंगे।CM Nayab saini
भविष्य की योजनाएं
उच्च शिक्षा मंत्री महिपाल धांडा ने हरियाणा यूनिवर्सिटीज कॉन्ट्रैक्चुअल टीचर्स एसोसिएशन (HUKTA) को आश्वासन दिया है कि आगामी विधानसभा सत्र में एक अलग बिल लाया जाएगा। इस बिल के जरिए विश्वविद्यालयों में कार्यरत 1500 असिस्टेंट प्रोफेसरों की सेवाओं को 60 वर्ष की उम्र तक सुरक्षित किया जाएगा।CM Nayab saini
अस्थायी कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक कदम
मुख्यमंत्री नायब सैनी का यह निर्णय अस्थायी कर्मचारियों के जीवन में स्थिरता लाने और उनकी सेवाओं को सम्मानजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह फैसला न केवल उनकी आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि कर्मचारियों के मनोबल को भी बढ़ाएगा।
इस निर्णय के बाद, हरियाणा में अस्थायी कर्मचारियों के परिवारों में खुशी और राहत का माहौल है। यह कदम मुख्यमंत्री की चुनावी वादों को पूरा करने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
हरियाणा सरकार का यह निर्णय अस्थायी कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। हालांकि, केंद्रीय योजनाओं के तहत नियुक्त कर्मचारियों और अंशकालिक कर्मचारियों को लाभ से वंचित रखना एक चर्चा का विषय रहेगा। फिर भी, यह कानून अस्थायी कर्मचारियों को स्थायित्व प्रदान करके उनके जीवन स्तर को सुधारने का काम करेगा।
हरियाणा के इस ऐतिहासिक फैसले से अन्य राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी और यह उम्मीद की जाती है कि अन्य राज्यों में भी इसी तरह के कदम उठाए जाएंगे।CM Nayab saini