Public Holiday: 12 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश, बच्चों और कर्मचारियों को मिलेगी राहत

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Public Holiday: इस साल का अंतिम महीना चल रहा है, और देश के हर हिस्से में ठंड धीरे-धीरे बढ़ रही है। इस बीच, स्कूल जाने वाले बच्चों और कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर आई है। 12 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन स्कूल-कॉलेज, बैंक और सरकारी दफ्तर सभी बंद रहेंगे।

साल के आखिरी महीने में कई छुट्टियां

दिसंबर के महीने में साप्ताहिक अवकाश के अलावा कई राज्यस्तरीय और विशेष छुट्टियां होती हैं। इन्हीं में से एक है 12 दिसंबर की छुट्टी। मेघालय में इस दिन बैंक, स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। आइए जानते हैं कि इस अवकाश का कारण क्या है।

क्यों है 12 दिसंबर को मेघालय में छुट्टी?

12 दिसंबर को मेघालय में गारो जनजाति के वीर स्वतंत्रता सेनानी पा-तोगन नेंगमिन्जा संगमा की पुण्यतिथि पर छुट्टी घोषित की गई है। इस दिन राज्य सरकार गारो योद्धा शहीद संगमा को श्रद्धांजलि अर्पित करती है, जिन्होंने 1872 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति दी थी।

पा-तोगन नेंगमिन्जा संगमा कौन थे?

पा-तोगन नेंगमिन्जा संगमा मेघालय की गारो जनजाति के एक साहसी स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका साहस और बलिदान 1872 में ब्रिटिश सेना के खिलाफ उनके नेतृत्व में हुए एक रात के हमले के दौरान लिखा गया। यह हमला मेघालय के माचा रोंगक्रेक गांव में किया गया था। हालांकि, ब्रिटिश सेना के आधुनिक हथियारों के सामने गारो योद्धा हार गए। संगमा ने पूर्वोत्तर भारत में ब्रिटिश शासन का विरोध करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

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गारो योद्धा का साहसिक योगदान

पा-तोगन संगमा का नाम गारो जनजाति के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। वे न केवल एक योद्धा थे, बल्कि स्वतंत्रता के लिए अपने समुदाय की प्रेरणा भी थे। संगमा ने ब्रिटिश सेना की आधुनिकता और ताकत के बावजूद अपने पारंपरिक हथियारों से युद्ध किया और अपने लोगों को संघर्ष का मार्ग दिखाया।

मेघालय सरकार की श्रद्धांजलि

हर साल 12 दिसंबर को मेघालय सरकार इस महान योद्धा को याद करती है और उनकी स्मृति में सार्वजनिक अवकाश घोषित करती है। यह दिन राज्य के लिए न केवल श्रद्धांजलि का दिन है, बल्कि यह गारो समुदाय के गौरवशाली इतिहास और उनके स्वतंत्रता संग्राम के योगदान को समझने का भी अवसर है।

शिक्षा और प्रेरणा का स्रोत

पा-तोगन संगमा का जीवन और बलिदान आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके संघर्ष और साहस की कहानियां राज्य में नई पीढ़ी को अपने इतिहास को जानने और उससे सीखने का अवसर देती हैं।

सार्वजनिक अवकाश का महत्व

इस सार्वजनिक अवकाश का महत्व केवल आराम के लिए नहीं है, बल्कि यह दिन इतिहास को याद करने और अपने नायकों के योगदान को समझने का भी है। संगमा जैसे योद्धाओं ने हमें यह सिखाया कि संघर्ष और बलिदान के बिना स्वतंत्रता संभव नहीं है।

12 दिसंबर को घोषित सार्वजनिक अवकाश मेघालय की संस्कृति और इतिहास को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दिन बच्चों और कर्मचारियों के लिए एक विश्राम का अवसर तो है ही, साथ ही यह इतिहास के महान योद्धाओं को याद करने का भी दिन है। पा-तोगन नेंगमिन्जा संगमा का बलिदान न केवल मेघालय बल्कि पूरे भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक गौरवशाली अध्याय है। उनका साहस और निष्ठा हमें यह सिखाते हैं कि स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। इस दिन को याद रखना और उनकी गाथा को जन-जन तक पहुंचाना हमारा नैतिक उत्तरदायित्व है।