Haryana सरकार राज्य के नागरिकों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही है, ताकि हर व्यक्ति का जीवन स्तर उन्नत हो सके और वे स्वावलंबी बन सकें। राज्य सरकार ने लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए ऋण, कौशल विकास और आत्मनिर्भरता जैसे उपायों के माध्यम से उनकी मदद करने का प्रयास किया है। इस दिशा में एक और कदम उठाते हुए, हरियाणा सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्य के मजदूरों को अपने घर बनाने के लिए 2 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा।
नई योजना के तहत मिलने वाला ऋण
इस योजना के तहत, हरियाणा सरकार राज्य के मजदूरों को बिना ब्याज के घर बनाने के लिए 2 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करेगी। यह योजना उन सभी श्रमिकों के लिए है जिनके पास खुद का घर नहीं है और जो मकान बनाने की योजना बना रहे हैं। इस ऋण को प्राप्त करने के बाद, श्रमिकों को इसे अगले 8 वर्षों में चुकाना होगा। यह योजना खासतौर पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।
योजना के उद्देश्य और लाभ
मुख्य रूप से इस योजना का उद्देश्य उन श्रमिकों को घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जो खुद का घर बनाने में सक्षम नहीं हैं। यह योजना राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें बेहतर जीवन यापन के लिए अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का मानना है कि इस प्रकार की योजनाएं श्रमिकों को न केवल स्थिर आवास प्रदान करेंगी, बल्कि उनके आत्मसम्मान को भी बढ़ावा मिलेगा।
योजना के लिए पात्रता
इस योजना का लाभ उठाने के लिए श्रमिकों को कुछ महत्वपूर्ण पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा।
- नियमित पंजीकरण: योजना के तहत लाभ लेने के लिए श्रमिकों का पंजीकरण कम से कम 5 वर्षों के लिए नियमित रूप से होना चाहिए।
- उम्र सीमा: योजना के तहत लाभ लेने के लिए श्रमिकों की उम्र 52 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- एक बार लाभ: इस योजना का लाभ श्रमिक केवल एक बार ही उठा सकते हैं। यदि श्रमिक का निधन हो जाता है, तो उनके परिवार को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
आवश्यक दस्तावेज
योजना के तहत आवेदन करते समय श्रमिकों को कुछ दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे, जिनकी सूची निम्नलिखित है:
- हरियाणा निवास प्रमाणपत्र: यह दस्तावेज यह प्रमाणित करेगा कि श्रमिक हरियाणा का निवासी है।
- भूमि अधिग्रहण प्रमाणपत्र: यदि श्रमिक के पास भूमि है, तो उन्हें भूमि अधिग्रहण प्रमाणपत्र देना होगा।
- विचार योजना और अनुमान: घर बनाने के लिए जो योजना और अनुमान तैयार किया गया है, उसका विवरण देना होगा।
- 14 वर्ष का बध प्रतिष्ठान: इस दस्तावेज़ से यह प्रमाणित होगा कि श्रमिक के पास स्थिर रोजगार है।
- राशन कार्ड: यह श्रमिक के परिवार के सदस्य के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।
- मोबाइल नंबर: श्रमिक के संपर्क के लिए मोबाइल नंबर आवश्यक है।
- परिवार पहचान पत्र: यह श्रमिक और उसके परिवार के बारे में जानकारी देने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
- बैंक खाता विवरण: ऋण राशि सीधे श्रमिक के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी, इसलिए बैंक खाता विवरण की आवश्यकता होगी।
- निर्माण स्वामित्व प्रमाणपत्र: श्रमिक को यह प्रमाणित करना होगा कि वह घर का स्वामी है और वह निर्माण करना चाहता है।
योजना के लिए आवेदन कैसे करें
हरियाणा राज्य में इस योजना का लाभ उठाने के लिए श्रमिकों को निम्नलिखित कदमों का पालन करना होगा:
- सरकारी वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले श्रमिकों को हरियाणा श्रम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। यहां पर श्रमिकों को BOCW (Building and Other Construction Workers) कल्याण योजनाओं से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
- “घर खरीद/निर्माण ऋण” विकल्प चुनें: वेबसाइट के होम पेज पर जाकर श्रमिकों को “घर खरीद/निर्माण ऋण” योजना का विकल्प दिखाई देगा। इस पर क्लिक करके वे योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- लॉगिन करें: इसके बाद श्रमिकों को HBOCW बोर्ड के लाभार्थी लॉगिन पृष्ठ पर जाना होगा। यहां पर उन्हें अपना यूजरनाम, पासवर्ड और कैप्चा डालकर सबमिट करना होगा।
- आवेदन पत्र भरें: लॉगिन करने के बाद, श्रमिकों को सभी पात्र योजनाओं की सूची दिखाई देगी, जिसमें “भूमि स्वामी ऋण योजना” का विकल्प चुनकर आवेदन पत्र भरना होगा।
- आवेदन जमा करें: सभी जानकारी भरने के बाद श्रमिकों को अपना आवेदन पत्र संबंधित विभाग में सबमिट करना होगा।
ऋण की शर्तें
इस योजना के तहत, श्रमिकों को 2 लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी ब्याज के दिया जाएगा, जिसे वे अगले 8 वर्षों में चुकता कर सकते हैं। यह ऋण केवल असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए है और इस योजना का लाभ लेने के लिए उनके पास एक स्थिर रोजगार होना चाहिए।
हरियाणा सरकार की इस नई योजना के तहत श्रमिकों को बिना ब्याज के घर बनाने के लिए 2 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा। यह योजना उन श्रमिकों के लिए वरदान साबित होगी जिनके पास खुद का घर नहीं है और वे इसे बनाने के लिए आर्थिक सहायता की तलाश में हैं। सरकार का यह कदम न केवल श्रमिकों के लिए एक स्थिर आवास उपलब्ध कराएगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा।