Haryana : हरियाणा से एक बड़ी खबर आई है। राज्य में कलेक्टर रेट (सर्कल रेट) 1 दिसंबर से बढ़ाए गए थे, लेकिन रविवार को अवकाश के कारण भूमि रजिस्ट्रेशन 2 दिसंबर, सोमवार से इन नए रेट्स के तहत किया जाएगा। इससे पहले, इन बढ़े हुए कलेक्टर रेट्स की घोषणा 1 दिसंबर को की गई थी, लेकिन रविवार को कामकाजी दिन न होने की वजह से रजिस्ट्रेशन में देरी हुई। अब, सोमवार यानी 2 दिसंबर से हरियाणा के सभी जिलों में कलेक्टर रेट के अनुसार भूमि रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
कलेक्टर रेट में कितनी बढ़ोतरी
हरियाणा में कलेक्टर रेट में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी गुड़गांव (गुरुग्राम) जिले में की गई है, जहां रेट 10 प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत तक बढ़े हैं। इसके बाद फरीदाबाद जिले का नंबर आता है, जहां कलेक्टर रेट में 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इन दोनों जिलों में भूमि रजिस्ट्रेशन अब इस बढ़ी हुई दरों पर ही किया जाएगा।
इसके अलावा, हरियाणा के अन्य प्रमुख जिलों जैसे रोहतक, बहादुरगढ़, पलवल, सोनीपत, पानीपत और करनाल में भी कलेक्टर रेट्स में काफी वृद्धि की गई है। ये जिले हरियाणा के NCR क्षेत्र में आते हैं और इनकी भूमि रजिस्ट्रेशन दरों में बदलाव हुआ है। कलेक्टर रेट में इस वृद्धि से राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि की संभावना है।
कलेक्टर रेट क्या होते हैं?
कलेक्टर रेट, जिसे सर्कल रेट भी कहा जाता है, वह न्यूनतम मूल्य होता है जो किसी संपत्ति के रजिस्ट्रेशन के लिए निर्धारित किया जाता है। यह दरें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं और भूमि की लोकेशन, स्थिति और अन्य कारकों के आधार पर अलग-अलग होती हैं। इस रेट का मुख्य उद्देश्य सरकारी राजस्व में वृद्धि करना और संपत्ति लेन-देन की पारदर्शिता बनाए रखना है।
हरियाणा में भूमि रजिस्ट्रेशन के लिए इन कलेक्टर रेट्स का पालन करना अनिवार्य होता है। भूमि रजिस्ट्रेशन अब इन नए रेट्स के हिसाब से किया जाएगा, जिसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी भूमि का रजिस्ट्रेशन करवाता है तो उसे इस नए रेट के हिसाब से शुल्क चुकाना होगा। यह बदलाव राज्य सरकार के लिए राजस्व में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
इन जिलों में सबसे ज्यादा बढ़ी दरें
- गुरुग्राम – 10% से 30% तक की वृद्धि
- फरीदाबाद – 10% से 20% तक की वृद्धि
- रोहतक, बहादुरगढ़, पलवल, सोनीपत, पानीपत, करनाल – इन जिलों में भी कलेक्टर रेट में वृद्धि की गई है, लेकिन बढ़ोतरी की दर अपेक्षाकृत कम है।
नए कलेक्टर रेट्स के बाद दरें
हरियाणा के विभिन्न जिलों में भूमि रजिस्ट्रेशन के लिए अब नई दरें लागू होंगी, जो नीचे दी गई हैं:
- झज्जर – ₹8,000 से ₹20,000 प्रति वर्ग मीटर
- पलवल – ₹2,200 से ₹5,600 प्रति वर्ग मीटर
- सिरसा – ₹25,000 से ₹55,000 प्रति वर्ग मीटर
- पानीपत – ₹7,000 से ₹10,000 प्रति वर्ग मीटर
- सोनीपत – ₹9,400 से ₹24,500 प्रति वर्ग मीटर
- पंचकुला – ₹25,000 से ₹55,000 प्रति वर्ग मीटर
- गुरुग्राम – ₹15,000 से ₹1,50,000 प्रति वर्ग मीटर
- फरीदाबाद – ₹12,000 से ₹90,000 प्रति वर्ग मीटर
- रेवाड़ी – ₹24,000 से ₹40,000 प्रति वर्ग मीटर
इन दरों में परिवर्तन से भूमि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पर असर पड़ेगा, और साथ ही इससे सरकारी खजाने में वृद्धि होगी। विशेष रूप से गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे प्रमुख शहरी केंद्रों में दरों की बढ़ोतरी से रियल एस्टेट क्षेत्र में भी हलचल मचने की संभावना है।
कलेक्टर रेट बढ़ने से होंगे क्या प्रभाव?
राज्य में कलेक्टर रेट्स के बढ़ने से संपत्ति खरीदने और बेचने की प्रक्रिया में कुछ बदलाव हो सकते हैं। सबसे बड़ा प्रभाव यह होगा कि भूमि रजिस्ट्रेशन अब ज्यादा महंगा हो जाएगा, क्योंकि रजिस्ट्रेशन फीस इन नए कलेक्टर रेट्स के आधार पर निर्धारित की जाएगी। इस प्रकार की बढ़ोतरी से एक ओर जहां सरकार को अधिक राजस्व मिलेगा, वहीं दूसरी ओर संपत्ति खरीदने के इच्छुक लोगों के लिए यह महंगा हो सकता है।
दूसरी ओर, जो लोग पहले से संपत्ति खरीदने का सोच रहे थे, उनके लिए यह रेट्स किसी चुनौती से कम नहीं होंगे। वे अपनी खरीदी योजना को फिर से देख सकते हैं, क्योंकि इस वृद्धि से संपत्ति का कुल मूल्य और रजिस्ट्रेशन शुल्क बढ़ जाएगा।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
हरियाणा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने इस बारे में जानकारी दी कि बढ़ी हुई कलेक्टर रेट्स 31 मार्च 2025 तक लागू रहेंगी। इसके बाद, जब तक नए कलेक्टर रेट्स नहीं निर्धारित होते, तब तक पुराने रेट्स पर रजिस्ट्रेशन जारी रहेगा। मंत्री ने यह भी कहा कि इस बदलाव से राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी, जो विभिन्न विकास कार्यों और योजनाओं के लिए फायदेमंद होगा।
हरियाणा में कलेक्टर रेट्स में की गई बढ़ोतरी से राज्य सरकार को राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि, इससे भूमि रजिस्ट्रेशन महंगा हो जाएगा और संपत्ति खरीदने के इच्छुक लोगों को अतिरिक्त खर्च उठाना होगा। फिर भी, यह कदम राज्य के विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए जरूरी माना जा रहा है। नए रेट्स के लागू होने के बाद, हरियाणा के निवासी अब भूमि रजिस्ट्रेशन के लिए इन दरों का पालन करेंगे, जो 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेंगी।