Delhi News: दिल्ली में दम घुट रहा है, जहरीली हवा में सांस लेना हुआ मुश्किल, जानें कहां कितना AQI

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Delhi News: दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना मुश्किल हो गया है और लोग श्वसन से जुड़ी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इस बीच, दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए ग्रेप (GRAP) 3 लागू कर दिया गया है। इसके तहत निर्माण और विध्वंस कार्यों को बंद कर दिया गया है। साथ ही, दिल्ली की सीमाओं पर चेकिंग बढ़ा दी गई है। बीएस3 और बीएस4 श्रेणी के वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा, डीजल चालित वाहनों को भी दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।

सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव

दिल्ली में ट्रैफिक और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव किया गया है। लेकिन इसके बावजूद दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। वर्तमान में दिल्ली का समग्र एक्यूआई (AQI) 404 है। उम्मीद की जा रही थी कि दो दिनों के बाद एक्यूआई 400 से नीचे आ जाएगा, लेकिन दिल्ली में पिछले चार दिनों से एक्यूआई 400 से ऊपर बना हुआ है।

दिल्ली के प्रमुख स्थानों पर एक्यूआई का स्तर

दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर बेहद खतरनाक है। यहां कुछ प्रमुख स्थानों पर एक्यूआई का हाल बताया गया है:

  • आनंद विहार: 436
  • अशोक विहार: 438
  • अलीपुर: 433
  • बवाना: 438
  • चांदनी चौक: 347
  • बुराड़ी: 368

 

  • मथुरा रोड: 336
  • द्वारका: 444
  • आईजीआई एयरपोर्ट: 395
  • जहांगीरपुरी: 445
  • आईटीओ: 358
  • लोदी रोड: 414
  • मुंडका: 423
  • मंदिर मार्ग: 411
  • ओखला: 422

 

  • पटपड़गंज: 427
  • पंजाबी बाग: 425
  • रोहिणी: 426
  • विवेक विहार: 436
  • वजीरपुर: 441
  • नजफगढ़: 357
  • नोएडा: 338
  • गुरुग्राम: 314

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प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव

दिल्ली की जहरीली हवा का सीधा प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। वायु प्रदूषण के कारण निम्नलिखित समस्याएं बढ़ गई हैं:

  1. सांस लेने में तकलीफ: विशेष रूप से बुजुर्ग, बच्चों और श्वसन संबंधी रोगों से ग्रस्त लोगों को परेशानी हो रही है।
  2. आंखों में जलन: प्रदूषित हवा के कारण आंखों में जलन और खुजली की शिकायतें बढ़ गई हैं।
  3. अस्थमा और एलर्जी: वायु प्रदूषण से अस्थमा और एलर्जी की समस्याएं गंभीर हो रही हैं।
  4. हृदय संबंधी बीमारियां: लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

GRAP 3 के तहत उठाए गए कदम

दिल्ली में ग्रेप 3 लागू होने के बाद निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:

  1. निर्माण और विध्वंस कार्यों पर पूरी तरह रोक।
  2. दिल्ली में बीएस3 और बीएस4 वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित।
  3. डीजल चालित वाहनों का संचालन बंद।
  4. सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान।
  5. सीमाओं पर वाहनों की सघन जांच।

प्रदूषण के पीछे के कारण

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के पीछे कई कारण हैं:

  1. फसल अवशेष जलाना: पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली की हवा में जहरीले कण बढ़ जाते हैं।
  2. वाहन प्रदूषण: भारी संख्या में चलने वाले वाहनों से निकलने वाला धुआं वायु गुणवत्ता को खराब करता है।
  3. औद्योगिक प्रदूषण: औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुआं भी प्रमुख कारण है।
  4. निर्माण कार्य: निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल वायु प्रदूषण में योगदान देती है।

प्रदूषण कम करने के उपाय

दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. सार्वजनिक परिवहन का उपयोग: निजी वाहनों की जगह बस, मेट्रो आदि का इस्तेमाल बढ़ाएं।
  2. ग्रीन कवर बढ़ाएं: अधिक से अधिक पौधे लगाकर हरित क्षेत्र को बढ़ावा दें।
  3. पराली जलाने पर रोक: किसानों को पराली प्रबंधन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
  4. स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग: औद्योगिक क्षेत्रों में कोयले और डीजल की जगह स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग किया जाए।
  5. जनजागरूकता: लोगों को प्रदूषण के खतरों और उससे बचने के उपायों के बारे में शिक्षित किया जाए।

दिल्ली की हवा इस समय बेहद जहरीली हो चुकी है, और प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में है। AQI 400 से ऊपर होने का मतलब है कि हवा में सांस लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय करने होंगे। साथ ही, पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं पर काम करना भी जरूरी है। जब तक हम प्रदूषण के मूल कारणों को समाप्त नहीं करेंगे, तब तक दिल्ली की हवा साफ करना मुश्किल रहेगा।