Haryana News: हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र बिना विपक्ष के नेता के, क्या कांग्रेस में नाम को लेकर गतिरोध है?

Haryana News: हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र बिना विपक्ष के नेता के, क्या कांग्रेस में नाम को लेकर गतिरोध है?

Haryana News: हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अभी तक विपक्ष के नेता का नाम तय नहीं किया है। यह स्थिति तब सामने आई है जब सरकार बनने के एक महीने से अधिक समय हो चुका है, और विधानसभा सत्र की शुरुआत भी हो चुकी है।

हालांकि कांग्रेस के विधायक अभी तक विपक्ष के नेता के नाम पर सहमति नहीं बना पाए हैं, लेकिन अधिकांश विधायक चाहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया जाए। कांग्रेस पार्टी की शीर्ष नेतृत्व इस मसले पर मंथन कर रही है, लेकिन इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।

कांग्रेस पार्टी का दृष्टिकोण

कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाल ही में इस मुद्दे पर बयान दिया कि विधानसभा चुनावों के बाद और झारखंड तथा महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद ही विपक्ष के नेता का चुनाव होगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनका नाम इस पद के लिए पार्टी के उच्च नेतृत्व के पास भेजा जा चुका है और पार्टी की सर्वोच्च निर्णय-निर्माण निकाय इस पर अंतिम निर्णय लेगा।

वहीं, विपक्ष के नेता के चुनाव पर भाजपा के नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस में इस मुद्दे पर गहरी खींचतान और गतिरोध चल रहा है। भाजपा के नेता कांग्रेस को यह चुनौती दे रहे हैं कि जब विपक्ष के नेता का चुनाव शीघ्र किया जा सकता है तो पार्टी क्यों इस प्रक्रिया को टाल रही है।

आशोक अरोड़ा का बयान

कांग्रेस के विधायक आशोक अरोड़ा ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि भले ही कांग्रेस के विपक्ष के नेता का नाम अभी तक तय नहीं हुआ हो, लेकिन सभी विधायक अपने विचार इस संबंध में प्रस्तुत करेंगे। आशोक अरोड़ा ने यह भी कहा कि कर्नाटका में मई महीने में विधानसभा चुनाव हुए थे, और भाजपा ने विपक्ष के नेता के चुनाव में कई महीने लगा दिए थे, जिसके बाद नवंबर में भाजपा ने अपना नेता तय किया। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि कांग्रेस में भी कोई गतिरोध नहीं है, और विपक्ष का नेता पार्टी के उच्च नेतृत्व द्वारा चुना जाएगा।

क्या आशोक अरोड़ा विपक्ष के नेता होंगे?

जब आशोक अरोड़ा से यह पूछा गया कि क्या उनका नाम विपक्ष के नेता के रूप में सामने आ सकता है, तो उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा कि उनका नाम मीडिया द्वारा उठाया गया होगा, लेकिन वह इस मामले में कुछ नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के सच्चे सिपाही हैं और जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह पार्टी के उच्च नेतृत्व का होगा।

Haryana News: हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र बिना विपक्ष के नेता के, क्या कांग्रेस में नाम को लेकर गतिरोध है?

आशोक अरोड़ा ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी में कोई गतिरोध नहीं है और विपक्ष के नेता का नाम झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद तय किया जाएगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अधिकतर कांग्रेस विधायक चाहते हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विपक्ष का नेता बनाया जाए, लेकिन अंततः पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को ही इस पर अंतिम फैसला करना है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा का रुख

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी विपक्ष के नेता के चुनाव पर अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पार्टी का उच्च नेतृत्व करेगा और इस पर कोई जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने उदाहरण दिया कि कर्नाटका विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने विपक्ष के नेता का चुनाव करने में काफी समय लिया था, लेकिन अब नवंबर में यह निर्णय लिया गया है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी में कोई गतिरोध नहीं है और विपक्ष के नेता का नाम तय करने का निर्णय पार्टी के उच्च नेतृत्व के पास है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता और विधायक इस मामले में अपना विचार देंगे, लेकिन अंतिम फैसला उच्च नेतृत्व ही करेगा।

कांग्रेस के अंदर का गतिरोध

कांग्रेस के अंदर इस मुद्दे को लेकर कोई खुला गतिरोध तो नहीं है, लेकिन पार्टी के नेताओं के बीच विभिन्न विचारधाराओं और नामों पर विचार चल रहा है। कुछ विधायक चाहते हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ही विपक्ष का नेता बनाया जाए, क्योंकि उन्होंने राज्य में कई वर्षों तक मुख्यमंत्री के रूप में काम किया है और उनकी लोकप्रियता भी काफी है।

हालांकि, कुछ अन्य विधायक यह मानते हैं कि पार्टी को नए चेहरों को भी मौका देना चाहिए और अन्य नेताओं को भी इस पद के लिए अवसर मिलना चाहिए। कांग्रेस में इस मुद्दे पर खुली बहस और विचार-विमर्श हो रहा है, लेकिन अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।

भविष्य में क्या होगा?

कांग्रेस पार्टी में विपक्ष के नेता के चयन पर एक स्पष्ट निर्णय जल्द ही लिया जाएगा, ऐसा लगता है, लेकिन यह निर्णय तब तक टल सकता है जब तक झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों के परिणाम नहीं आते। इसके बाद, पार्टी के वरिष्ठ नेता इस मसले पर मंथन करेंगे और विपक्ष के नेता का नाम तय किया जाएगा।

कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि इस समय कांग्रेस का ध्यान राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए तैयार करने पर है। विपक्ष के नेता का चुनाव भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जो पार्टी की रणनीति और दिशा को तय करेगा।

हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन विपक्ष के नेता का नाम अब तक तय नहीं हो पाया है। कांग्रेस पार्टी में इस मुद्दे को लेकर कोई स्पष्ट गतिरोध नहीं है, लेकिन पार्टी के नेताओं के बीच विचार-विमर्श जारी है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम इस पद के लिए सबसे आगे है, लेकिन पार्टी के उच्च नेतृत्व द्वारा इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद ही कांग्रेस के विधायक और कार्यकर्ता इस मुद्दे पर पूर्ण रूप से एकजुट हो पाएंगे।