8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि को लेकर 8वीं वेतन आयोग (8th Pay Commission) की चर्चा काफी समय से चल रही है। सभी के मन में यह सवाल उठ रहा था कि आखिर सरकार 8वीं वेतन आयोग कब लाएगी और कर्मचारियों का वेतन कितना बढ़ाया जाएगा। इस पर अब सरकार की तरफ से एक महत्वपूर्ण बयान आया है, जिसने इन चर्चाओं को एक नया मोड़ दिया है।
3 दिसंबर 2024 को लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित उत्तर दिया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वर्तमान में 8वीं वेतन आयोग लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और भत्ते सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के अनुसार तय किए जा रहे हैं और अगले वेतन आयोग के गठन के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई है।
इस सरकार के बयान ने सभी अफवाहों और अटकलों पर विराम लगा दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि जल्द ही 8वीं वेतन आयोग का गठन हो सकता है।
सातवें वेतन आयोग के बाद क्या होगा?
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू हुए अब लगभग आठ साल हो चुके हैं। यह वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था। इसके तहत केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये और अधिकतम वेतन 2.5 लाख रुपये निर्धारित किया गया था।
हालांकि, महंगाई और जीवन स्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए कर्मचारी संगठनों ने लंबे समय से 8वीं वेतन आयोग की मांग की है, ताकि कर्मचारियों के वेतन में अधिक वृद्धि हो सके। इसके बावजूद सरकार ने साफ तौर पर यह कहा है कि वर्तमान में इस विषय पर कोई घोषणा नहीं की गई है।
महंगाई भत्ते (DA) की उम्मीद
वर्तमान में, केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (Dearness Allowance- DA) के रूप में वेतन में राहत दी जाती है। सरकार हर छह महीने में DA में वृद्धि करती है, जो कर्मचारियों के वेतन को बढ़ाता है।
वर्तमान में, केंद्रीय कर्मचारियों का DA 53% है, और उम्मीद जताई जा रही है कि जनवरी 2025 में इसे बढ़ाकर 56% किया जा सकता है। महंगाई भत्ते से कर्मचारियों को महंगाई के बोझ से राहत मिलती है, लेकिन 8वीं वेतन आयोग की उम्मीदें अभी पूरी नहीं हो पाई हैं।
कर्मचारियों का क्या कहना है?
कई कर्मचारी संघों ने सरकार पर दबाव बनाया है कि वे 8वीं वेतन आयोग की घोषणा करें। उनका कहना है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें अब कर्मचारियों के लिए पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि महंगाई में निरंतर वृद्धि हो रही है। इसके अलावा, कर्मचारियों की यह भी मांग है कि वेतन संशोधन की प्रक्रिया को बदला जाए, ताकि कर्मचारियों को हर दस साल में एक बार वेतन बढ़ोतरी के बजाय, पांच साल में वेतन संशोधन का लाभ मिल सके।
कर्मचारी संघों का यह भी कहना है कि महंगाई और जीवन यापन की लागत को देखते हुए, कर्मचारियों को अधिक वेतन और बेहतर भत्ते मिलना चाहिए। उनका यह भी कहना है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद जो वेतन वृद्धि हुई है, वह अब कर्मचारियों के लिए अपर्याप्त साबित हो रही है, खासकर जब महंगाई लगातार बढ़ रही है।
सरकार का बयान
सरकार ने साफ तौर पर यह कहा है कि वर्तमान में एक नए वेतन आयोग का गठन उसकी प्राथमिकता नहीं है। सरकार का कहना है कि कर्मचारियों को राहत देने के लिए महंगाई भत्ता और अन्य भत्ते प्रदान किए जा रहे हैं। सरकार ने यह भी बताया कि कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में सुधार के लिए निरंतर विचार किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल किसी नए वेतन आयोग का गठन नहीं किया जाएगा।
सरकार के इस बयान ने 8वीं वेतन आयोग के गठन की उम्मीदों पर कुछ हद तक पानी फेर दिया है, लेकिन इसके बावजूद कर्मचारी संघों की ओर से दबाव बनाए रखना जारी रहेगा। अगर कर्मचारियों का दबाव बढ़ता है और देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है, तो भविष्य में 8वीं वेतन आयोग के गठन की संभावना हो सकती है।
क्या 8वीं वेतन आयोग की उम्मीदें पूरी नहीं होंगी?
हालांकि सरकार ने अभी तक 8वीं वेतन आयोग के गठन के लिए कोई प्रस्ताव सामने नहीं रखा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि भविष्य में ऐसा नहीं हो सकता। यदि कर्मचारी संघों का दबाव बढ़ता है और महंगाई की दर और जीवन यापन की लागत में लगातार वृद्धि होती है, तो सरकार इस विषय पर विचार कर सकती है। इसके अलावा, अगर देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आता है, तो सरकार अगले वेतन आयोग के गठन पर विचार कर सकती है।
हालांकि, फिलहाल सरकार का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और भत्तों को 7वीं वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार तय किया जा रहा है और इस पर कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वीं वेतन आयोग की उम्मीदें फिलहाल पूरी नहीं हुई हैं, क्योंकि सरकार ने इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं रखा है। कर्मचारी संघों की मांग है कि महंगाई और जीवन यापन की लागत को देखते हुए कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जाए और वेतन संशोधन की प्रक्रिया में बदलाव किया जाए। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि फिलहाल 8वीं वेतन आयोग की कोई योजना नहीं है और कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और अन्य भत्तों के माध्यम से राहत दी जा रही है।