Haryana से बड़ी खबर सामने आई है। शिक्षा विभाग ने घोषणा की है कि अब राज्य में शिक्षकों की भर्ती एक नए फॉर्मूले के आधार पर की जाएगी। इसके तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों और प्राथमिक शिक्षक (PRT) की स्थिति की रिपोर्ट मंगाई गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर नियमित भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आइए विस्तार से जानते हैं सरकार की नई योजना और भर्ती प्रक्रिया के बारे में।
सरकार ने मांगी स्कूल और शिक्षकों की जानकारी
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने राज्य के सभी जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रत्येक स्कूल में छात्रों की संख्या और कार्यरत PRT शिक्षकों की जानकारी मुख्यालय को भेजी जाए। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक प्रोफार्मा जारी किया है, जिसमें निम्नलिखित जानकारी मांगी गई है:
- स्कूल का नाम
- स्कूल का कोड
- छात्रों की संख्या (बालवाटिका से कक्षा V तक)
- कार्यरत JBT शिक्षक (नियमित और अतिथि शिक्षक)
- अतिरिक्त शिक्षकों की संख्या
- सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का विवरण
इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार यह तय करेगी कि किन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है और उन स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया को किस प्रकार से पूरा किया जाएगा।
स्कूलों में शिक्षकों की कमी होगी दूर
जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी पाई जाएगी, वहां हरियाणा स्किल एंप्लॉयमेंट कॉर्पोरेशन (Haryana Skill Employment Corporation) के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इस कदम से न केवल स्कूलों में शिक्षकों की संख्या में सुधार होगा, बल्कि राज्य के शिक्षा तंत्र में भी मजबूती आएगी।
शिक्षा विभाग का यह प्रयास यह सुनिश्चित करने के लिए है कि राज्य के प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके और शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई बाधित न हो।
2023-24 में शिक्षक रेशनलाइजेशन का प्रयास
शिक्षा विभाग ने पहले भी वर्ष 2023-24 में राज्य के हजारों स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का रेशनलाइजेशन किया था। इस रेशनलाइजेशन के तहत छात्रों की संख्या के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी।
- 1 से 60 छात्रों तक: दो JBT शिक्षक नियुक्त किए गए।
- 61 से 90 छात्रों तक: तीन JBT शिक्षक नियुक्त किए गए।
- 91 से 120 छात्रों तक: चार JBT शिक्षक नियुक्त किए गए।
- 121 से 150 छात्रों तक: पांच JBT शिक्षक नियुक्त किए गए।
- 151 से 180 छात्रों तक: पांच JBT शिक्षकों के साथ एक मुख्याध्यापक (हेडमास्टर) की नियुक्ति की गई।
इस नीति का उद्देश्य यह था कि प्रत्येक छात्र को शिक्षकों का पर्याप्त ध्यान मिल सके और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो।
नए फॉर्मूले से होगी नियुक्ति
सरकार द्वारा जारी किए गए नए फॉर्मूले के अनुसार, शिक्षकों की नियुक्ति अब छात्रों की संख्या और स्कूलों की आवश्यकता के आधार पर की जाएगी। इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है, वहां पर्याप्त संख्या में शिक्षक नियुक्त हों।
इस नए फॉर्मूले से राज्य के शिक्षा तंत्र में सुधार होने की उम्मीद है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां अक्सर शिक्षकों की कमी रहती है, इस फॉर्मूले से सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
शिक्षकों की मंजूर संख्या और वर्तमान स्थिति
शिक्षा विभाग के अनुसार, वित्त विभाग के निर्देशों के तहत प्राथमिक शिक्षकों (JBT) और हेड टीचर्स के 44,000 पदों को मंजूरी दी गई है। हालांकि, वर्तमान में राज्य के स्कूलों में लगभग 37,000 शिक्षक कार्यरत हैं।
इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सर्दी सत्र के दौरान राज्य विधानसभा में सरकार ने यह भरोसा दिलाया था कि खाली पड़े पदों पर जल्द ही भर्तियां की जाएंगी।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी
शिक्षा विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और समयबद्ध होगी। सरकार का उद्देश्य यह है कि सभी खाली पदों को जल्द से जल्द भरा जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
हरियाणा स्किल एंप्लॉयमेंट कॉर्पोरेशन की मदद से भर्ती प्रक्रिया को तेज और सरल बनाया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि योग्य उम्मीदवारों को नौकरी मिले और राज्य के शिक्षा तंत्र में सुधार हो।
सेवानिवृत्त शिक्षकों की संख्या का भी रखा जाएगा ध्यान
शिक्षा विभाग ने प्रोफार्मा में यह भी निर्देश दिया है कि स्कूलों में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का विवरण भी मुख्यालय को भेजा जाए। इसका उद्देश्य यह है कि सेवानिवृत्त शिक्षकों की जगह नए शिक्षकों की नियुक्ति की योजना पहले से बनाई जा सके।
इस कदम से राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी और छात्रों की पढ़ाई बिना किसी रुकावट के जारी रह सकेगी।
भर्ती प्रक्रिया का असर
नए फॉर्मूले और भर्ती प्रक्रिया का असर राज्य के शिक्षा तंत्र पर सकारात्मक रूप से देखने को मिलेगा। इससे न केवल छात्रों की शिक्षा में सुधार होगा, बल्कि शिक्षकों को भी बेहतर कार्य वातावरण मिलेगा।
सरकार की यह पहल यह सुनिश्चित करेगी कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों का अनुपात सही हो और सभी बच्चों को समान अवसर मिल सके।
हरियाणा सरकार का यह नया फॉर्मूला राज्य के शिक्षा तंत्र में एक बड़ा बदलाव लाएगा। शिक्षकों की कमी को दूर करने और छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है।
शिक्षा विभाग की इस पहल से न केवल शिक्षकों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि राज्य के शिक्षा तंत्र की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। आने वाले समय में यह योजना हरियाणा के शिक्षा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।