Haryana news: हरियाणा में उद्योग और अवसंरचना विकास निगम (HSIIDC) द्वारा प्लॉट आवंटन या राशि की वापसी में हुई अनावश्यक देरी के कारण चार आवंटियों को ₹5000-₹5000 मुआवजा देने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग (Haryana Right to Service Commission) के मुख्य आयुक्त टी.सी. गुप्ता ने दिया।
मामले का विवरण
आयोग के अनुसार, चार आवंटियों ने औद्योगिक विकास केंद्र (IGC) साहा में प्लॉट आवंटन के लिए 10 प्रतिशत अर्जित धनराशि (Earnest Money) जमा की थी। हालांकि, HSIIDC के आंतरिक पोर्टल पर हुई एक तकनीकी त्रुटि के कारण इन आवंटियों को गलती से सेक्टर-7 के बजाय सेक्टर-1 में सूचीबद्ध कर दिया गया। इस त्रुटि के चलते इन चार आवंटियों को समय सीमा के भीतर नियमित आवंटन पत्र नहीं दिए गए।
HSIIDC की इस लापरवाही के चलते आवंटियों को प्लॉट आवंटन में अनावश्यक देरी और असुविधा का सामना करना पड़ा। समय सीमा के भीतर अधिसूचित सेवा न मिलने के कारण इन चार आवंटियों ने हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई।
आयोग का आदेश
शिकायत की सुनवाई के बाद आयोग ने पाया कि HSIIDC ने आवंटियों को उनकी सेवाएं प्रदान करने में लापरवाही की है। इस पर आयोग ने आदेश दिया कि:
- प्रत्येक आवंटी को ₹5000 का मुआवजा दिया जाए।
- यह मुआवजा HSIIDC के उन अधिकारियों से वसूला जाए जो इस गलती के लिए जिम्मेदार पाए गए। इन अधिकारियों की पहचान HSIIDC के प्रबंध निदेशक (Managing Director) द्वारा की जाएगी।
HSIIDC को समय सीमा तय
आयोग ने HSIIDC को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि मुआवजे की राशि 10 दिसंबर, 2024 तक आवंटियों को प्रदान की जाए। इसके साथ ही, इस आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट आयोग को सौंपने का निर्देश भी दिया गया है।
गलती की वजह और सुधार के निर्देश
HSIIDC के आंतरिक पोर्टल पर हुई तकनीकी त्रुटि ने इन आवंटियों को अनावश्यक परेशानी में डाल दिया। आयोग ने इस मामले में HSIIDC को निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसी त्रुटियों से बचने के लिए:
- तकनीकी प्रक्रियाओं की नियमित समीक्षा की जाए।
- आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाई जाए।
- सुनिश्चित किया जाए कि सभी आवंटी समय सीमा के भीतर अपनी सेवाएं प्राप्त करें।
मुआवजे का महत्व
यह मामला यह दर्शाता है कि सरकार द्वारा नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए बनाए गए कानूनों और आयोगों का उद्देश्य न केवल लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई करना है, बल्कि पीड़ितों को न्याय दिलाना भी है।
हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने अपने इस फैसले से यह स्पष्ट किया है कि किसी भी आवंटी या नागरिक को उसकी सेवा समय पर न मिलने पर उसे मुआवजा प्राप्त करने का पूरा अधिकार है।
आवंटियों के अधिकार और जिम्मेदारियां
यह घटना सभी आवंटियों और आम नागरिकों के लिए एक सबक भी है कि:
- यदि उन्हें सरकारी सेवाओं में कोई देरी या अनावश्यक परेशानी होती है, तो वे आयोग के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए सभी दस्तावेज और सबूत तैयार रखें।
- सरकार और उसके आयोगों के प्रति जागरूक रहें।
HSIIDC की जिम्मेदारी
इस मामले में HSIIDC की गलती ने आवंटियों को असुविधा में डाला। आयोग ने HSIIDC को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि भविष्य में ऐसी त्रुटियां दोबारा न हों। इसके लिए HSIIDC को अपनी प्रक्रियाओं में सुधार करने होंगे और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे।
हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग द्वारा दिया गया यह आदेश सरकारी तंत्र को जिम्मेदारी का एहसास कराने और नागरिकों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मामले ने यह साबित कर दिया कि नागरिकों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता और सरकारी सेवाओं में लापरवाही के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
आवंटियों के लिए मुआवजा न केवल उनके नुकसान की भरपाई है, बल्कि यह सरकारी तंत्र में सुधार लाने और भविष्य में ऐसी त्रुटियों को रोकने का संदेश भी है।