Haryana news: हरियाणा, जो अब शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक हब के रूप में तेजी से उभर रहा है, में छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई देशों के सहयोग से आगे बढ़ने की दिशा में कदम उठाए हैं। इस दिशा में एक अहम कदम तब उठा, जब ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष छह विश्वविद्यालयों के एक दल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और गुड़गांव में अपना कैंपस स्थापित करने की इच्छा जताई।
ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधि दल हरियाणा में
ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त के डिप्टी हाई कमिश्नर श्री निक मैककैफ्री के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों का एक दल हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिला। इस दल में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग के मंत्री काउंसलर श्री मैथ्यू जॉनसन, IRU (Innovative Research Universities) के अध्यक्ष प्रोफेसर साइमन बिग्स, और जेम्स कुक विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष तथा अध्यक्ष के साथ-साथ अन्य विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
इस दल ने मुख्यमंत्री से गुड़गांव में एक कैंपस स्थापित करने की इच्छा जताई, जहाँ छात्रों को स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे। यह पहल न केवल हरियाणा के छात्रों के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी, बल्कि राज्य को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान पर भी स्थापित कर सकती है।
मुख्यमंत्री का स्वागत और सहयोग का आश्वासन
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ऑस्ट्रेलियाई दल का स्वागत किया और उन्हें राज्य सरकार से पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार उन्हें एक मौजूदा भवन और सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगी, ताकि कैंपस स्थापित किया जा सके। इसके अलावा, इस पहल को औपचारिक रूप देने के लिए जल्द ही एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने विदेश सहयोग विभाग (Department of Foreign Cooperation) की स्थापना की है, जिसका मुख्य उद्देश्य ऐसे सहयोगों की आवश्यकताओं को पूरा करना है। यह विभाग ऑस्ट्रेलिया के इनोवेटिव रिसर्च विश्वविद्यालयों (IRU) की आवश्यकताओं के अनुसार और स्थानों के लिए समन्वय करेगा।
छात्रों के लिए नए अवसर
इस पहल से हरियाणा के छात्रों के लिए एक नया अवसर उत्पन्न होगा, क्योंकि अब उन्हें विदेश जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह अपने घर के पास ही, गुड़गांव में स्थित ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय के कैंपस में स्नातक पाठ्यक्रम कर सकेंगे। इसके पूरा होने पर, छात्रों को ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय से प्रमाण पत्र मिलेगा, जो न केवल हरियाणा में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस कदम से हरियाणा के छात्रों को भारी ट्यूशन फीस और विदेश में पढ़ाई से जुड़ी अन्य खर्चों से बचत होगी। इससे छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलेगा, साथ ही वे अंतरराष्ट्रीय मानक के पाठ्यक्रमों का लाभ उठा सकेंगे। इस कैंपस में छात्रों को सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग, साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), वित्तीय प्रौद्योगिकी, पर्यटन और आतिथ्य, और खेल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में चार वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रमों का अवसर मिलेगा। समय के साथ, इन पाठ्यक्रमों के वर्गों को और बढ़ाया जाएगा, ताकि छात्रों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
हरियाणा और ऑस्ट्रेलिया के बीच शिक्षा में सहयोग
ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग के डिप्टी हाई कमिश्नर श्री निक मैककैफ्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, 2014 से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय सहयोग के नए द्वार खुले हैं। विशेष रूप से, शिक्षा क्षेत्र में यह सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दोनों देशों के छात्रों और शिक्षकों को एक-दूसरे से जुड़ने का एक प्लेटफार्म प्रदान करता है।
इस मौके पर, मुख्यमंत्री ने हरियाणा में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के बारे में भी बताया, जिसमें इस वर्ष तंजानिया को साझेदार देश के रूप में चुना गया है। पिछले वर्ष ऑस्ट्रेलिया हरियाणा का साझेदार देश था। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को सम्मान स्वरूप श्रीमद्भगवद्गीता भेंट की।
हरियाणा में शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव
इस प्रकार के शैक्षिक सहयोग से हरियाणा में शिक्षा के स्तर में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे इन विकासों के कारण, हरियाणा के छात्रों को अब विदेश जाने की जरूरत नहीं होगी, और वे यहां, अपने राज्य में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इससे न केवल राज्य के विकास में तेजी आएगी, बल्कि हरियाणा को एक वैश्विक शैक्षिक हब के रूप में स्थापित करने में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य के छात्रों को यह विश्वास दिलाया कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में हर प्रकार के सुधार और नवाचारों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कदम से न केवल शिक्षा के स्तर में सुधार होगा, बल्कि यह हरियाणा के युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा और उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।
हरियाणा में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे ये परिवर्तन राज्य के छात्रों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर हैं। ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों का गुड़गांव में कैंपस स्थापित होना, न केवल राज्य के विकास को गति देगा, बल्कि छात्रों को विदेश जाने की जरूरत के बिना उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान करेगा। यह पहल राज्य के भविष्य को सशक्त बनाएगी और हरियाणा को वैश्विक शैक्षिक नक्शे पर एक प्रमुख स्थान दिलाएगी।