Haryana News: हरियाणा के जींद जिले के सिविल अस्पताल में मातृत्व वार्ड में एक महिला की डिलीवरी के दौरान डॉक्टर की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि डिलीवरी के दौरान महिला के पेट में कॉटन का टुकड़ा छोड़ दिया गया, जिससे उसके शरीर में संक्रमण फैल गया। पुलिस ने सोमवार (11 नवंबर) को इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
सोमवार को मामले की जांच अधिकारी डॉक्टर अरविंद और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मंजू सिंगला ने शिकायतकर्ता और आरोपी स्वास्थ्य कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि, शिकायतकर्ता के घर पर बेटी के जन्म का कार्यक्रम होने के कारण वह हाज़िर नहीं हो पाए। शिकायतकर्ताओं को अब मंगलवार (11 नवंबर) को बुलाया गया है।
क्या है पूरा मामला
सदर थाना क्षेत्र के एक गांव के निवासी एक युवक ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. गोपाल गोयल को दी गई शिकायत में बताया कि उसकी पत्नी को 21 अक्टूबर को प्रसव पीड़ा होने पर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अगले दिन, 22 अक्टूबर को उसकी पत्नी का ‘नॉर्मल डिलीवरी’ से एक बच्ची का जन्म हुआ।
डिलीवरी के दो दिन बाद महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। हालांकि, घर लौटने के बाद महिला को असहनीय दर्द होने लगा। परिजनों ने उसे घरेलू दवाइयाँ दीं, लेकिन दर्द में कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद महिला ने महसूस किया कि उसके शरीर से कुछ कॉटन जैसा बाहर आ रहा है।
संक्रमण का खतरा
महिला के पति का आरोप है कि इसके बाद वे उसे तुरंत सिविल अस्पताल वापस ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने जांच के दौरान पाया कि उसके पेट में कॉटन का टुकड़ा रह गया था। इस लापरवाही की वजह से महिला के शरीर में संक्रमण फैलने का खतरा पैदा हो गया।
कार्रवाई की मांग
महिला के पति ने सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल को शिकायत देते हुए लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस लापरवाही के कारण उनकी पत्नी को असहनीय दर्द और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा।
इस घटना के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच का आदेश दे दिया है और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की प्रक्रिया जारी है। स्वास्थ्य सेवाओं में इस तरह की लापरवाही का मामला सामने आने से अस्पताल प्रबंधन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल
यह घटना सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर एक गंभीर सवाल उठाती है। एक ऐसी जगह जहाँ लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए जाते हैं, वहाँ इस तरह की लापरवाही का सामने आना बेहद चिंताजनक है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि ऐसे मामलों में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
इस घटना से अस्पताल में आए अन्य मरीजों के बीच भी भय का माहौल है। लोगों का कहना है कि अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने की आवश्यकता है ताकि मरीजों को बिना किसी डर के इलाज मिल सके।