Haryana news: हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर आई है। राज्य सरकार अब स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी मीटर लगाने जा रही है, जो कि राज्य में बिजली बिल भुगतान की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल देगा। इसके साथ ही, एक महत्वपूर्ण घोषणा भी की गई है कि अब बिजली मीटर लगाने, लोड बढ़ाने जैसी 17 सेवाओं पर जीएसटी (GST) नहीं लगेगा। केंद्रीय सरकार ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है, जिसके बाद बिजली वितरण से जुड़ी कंपनियों को अब इन सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी नहीं लेना होगा।
यह कदम राज्य में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है, क्योंकि इसके तहत बिजली मीटरों की स्थापना के साथ-साथ उपभोक्ताओं को नए तरीके से बिजली बिल का भुगतान करना होगा।
स्मार्ट मीटर से क्या होगा बदलाव?
हरियाणा सरकार द्वारा स्मार्ट बिजली मीटरों की शुरुआत की जा रही है। पहले चरण में, ये मीटर सरकारी दफ्तरों और कर्मचारियों के घरों में लगाए जाएंगे। इसके बाद दूसरे चरण में, ये मीटर आम लोगों के घरों में भी लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर की खास बात यह है कि इसके जरिए बिजली उपभोक्ताओं को अब बिजली के बिल का भुगतान प्रीपेड मोड में करना होगा, ठीक उसी तरह जैसे हम मोबाइल फोन का रिचार्ज करते हैं।
प्रीपेड स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को यह फायदा होगा कि वे अपनी आवश्यकता के अनुसार बिजली का इस्तेमाल कर सकेंगे। यानी, उपभोक्ता जितनी बिजली का उपयोग करेंगे, उतनी ही राशि रिचार्ज करके मीटर में डाली जाएगी। इससे बिजली के बिल के भुगतान की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और उपभोक्ता के नियंत्रण में होगी।
केंद्रीय मंत्री ने दी योजना की जानकारी
इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि स्मार्ट मीटर सिस्टम के माध्यम से बिजली विभाग के नुकसान में कमी आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने इस योजना के तहत कुछ विशेष सब्सिडी देने का भी निर्णय लिया है, ताकि अधिक से अधिक राज्य इस प्रीपेड मीटर प्रणाली को अपनाएं। इसके अलावा, इस कदम से बिजली वितरण कंपनियों को भी काफी फायदा होगा, क्योंकि इससे उन्हें अधिक भुगतान प्राप्त होगा और घाटे में कमी आएगी।
GST में छूट से उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए निर्देशों के अनुसार, अब बिजली मीटर लगाने, लोड बढ़ाने, मीटर का परीक्षण, जांच, डिस्कनेक्शन, रीकनेक्शन जैसी 17 सेवाओं पर जीएसटी नहीं लिया जाएगा। इससे पहले इन सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था, जिससे उपभोक्ताओं को अतिरिक्त खर्चा उठाना पड़ता था। अब यह छूट मिलने से उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ कम होगा और बिजली से संबंधित सेवाओं की लागत में कमी आएगी।
यह निर्णय राज्य सरकारों को भी राहत देने वाला है, क्योंकि पहले इन सेवाओं पर जीएसटी का भुगतान करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण था। अब, उपभोक्ताओं को इन सेवाओं के लिए अतिरिक्त जीएसटी नहीं देना पड़ेगा, जिससे बिजली बिलों की लागत में कमी आएगी।
दूसरे चरण में आम लोगों के लिए उपलब्ध होगा स्मार्ट मीटर
पहले चरण के बाद, राज्य सरकार स्मार्ट मीटर की सुविधा आम लोगों तक पहुंचाने के लिए काम करेगी। इस योजना के तहत, आम उपभोक्ताओं को भी प्रीपेड स्मार्ट मीटर इंस्टॉल करवाने का अवसर मिलेगा। इसके लिए उपभोक्ताओं को पहले स्मार्ट मीटर के लिए आवेदन करना होगा, और फिर इस मीटर का रिचार्ज करके वे बिजली का उपयोग कर सकेंगे।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह भी कहा कि इस योजना के लागू होने से बिजली चोरी में कमी आएगी और उपभोक्ताओं को उनकी खपत के अनुसार ही बिल मिलेगा, जिससे बिजली विभाग का राजस्व भी बढ़ेगा।
बिजली वितरण में बदलाव का असर
यह कदम न केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि इससे राज्य सरकार को भी फायदा मिलेगा। स्मार्ट मीटर की शुरुआत से बिजली चोरी पर काबू पाया जा सकेगा, क्योंकि मीटर रीडिंग के लिए अब फिजिकल निरीक्षण की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय, यह मीटर इंटरनेट के माध्यम से रियल-टाइम डेटा भेजेंगे, जिससे विभाग को किसी भी समय बिजली की खपत का पता चल सकेगा।
इसके अलावा, स्मार्ट मीटर सिस्टम के तहत अब उपभोक्ताओं को उनके वास्तविक उपयोग के आधार पर ही बिल मिलेगा, जो कि पारदर्शी होगा और किसी भी विवाद की संभावना को कम करेगा।
स्मार्ट मीटर के लाभ
- प्रीपेड सिस्टम: उपभोक्ताओं को अपने बिजली बिल का भुगतान पहले करना होगा, जो उन्हें अपने बजट के अनुसार बिजली का उपयोग करने की सुविधा देगा।
- बिजली चोरी पर नियंत्रण: स्मार्ट मीटर की मदद से बिजली चोरी को रोका जा सकेगा क्योंकि मीटर रीडिंग स्वचालित रूप से होती है और गलत रीडिंग की संभावना कम हो जाती है।
- पारदर्शिता: उपभोक्ताओं को उनके वास्तविक उपयोग के आधार पर बिल मिलेगा, जिससे कोई भी गलत बिलिंग की समस्या नहीं होगी।
- स्मार्ट कनेक्टिविटी: स्मार्ट मीटर के जरिए उपभोक्ताओं को अपनी खपत के बारे में जानकारी मिलती रहेगी, जिससे वे अपनी खपत को नियंत्रित कर सकेंगे।
- ऊर्जा की बचत: प्रीपेड मीटर सिस्टम उपभोक्ताओं को ऊर्जा की बचत करने के लिए प्रोत्साहित करेगा क्योंकि वे जानते होंगे कि उनका हर यूनिट बिजली का मूल्य तय है।
हरियाणा सरकार का स्मार्ट मीटर प्रणाली की शुरुआत करने का फैसला बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को पारदर्शी और नियंत्रित बिजली बिल मिलेगा, बल्कि बिजली चोरी पर भी काबू पाया जा सकेगा। साथ ही, जीएसटी में छूट मिलने से उपभोक्ताओं के लिए सेवाओं की लागत में कमी आएगी। यह कदम राज्य सरकार के लिए राजस्व वृद्धि का कारण बनेगा, जबकि उपभोक्ताओं को भी यह नए सिस्टम में अधिक सुविधा होगी।