Haryana news: हरियाणा सरकार का मजदूरों के लिए बड़ा कदम, 65 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा

CM Nayab Singh Saini

Haryana news: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बढ़ते प्रदूषण के कारण ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का चौथा चरण लागू किया गया है, जिसके तहत कई गतिविधियों, जिनमें निर्माण कार्य भी शामिल है, पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस निर्णय का सबसे ज्यादा असर उन मजदूरों पर पड़ा है, जिनका रोज़गार इन निर्माण कार्यों से जुड़ा हुआ था। ऐसे में हरियाणा सरकार ने प्रभावित मजदूरों के लिए वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है।

हरियाणा सरकार की वित्तीय सहायता योजना

हरियाणा के बिजली और परिवहन मंत्री अनिल विज ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उन मजदूरों को साप्ताहिक जीवन निर्वाह भत्ता (subsistence allowance) प्रदान किया जाएगा, जिनका जीवन यापन निर्माण कार्यों पर निर्भर था। इस भत्ते के माध्यम से मजदूरों की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।

हिजा, निर्माण कार्यों से जुड़े लगभग 2 लाख पंजीकृत मजदूर हैं, जिनका जीवनयापन इन कामों से जुड़ा हुआ था। इस योजना के तहत, सरकार ने 65 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिससे मजदूरों को इस कठिन समय में राहत मिल सके।

CM Nayab Singh Saini

निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध का असर

चरणबद्ध प्रतिक्रिया योजना (GRAP) का चौथा चरण लागू होने के बाद, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई निर्माण कार्यों को रोका गया है। इस निर्णय से निर्माण कार्यों में संलिप्त मजदूरों का रोज़गार प्रभावित हुआ है। हालांकि, सरकार ने इस स्थिति को समझते हुए मजदूरों की मदद के लिए इस योजना की घोषणा की है।

हरियाणा सरकार की यह योजना उन मजदूरों को राहत प्रदान करेगी, जिनकी आजीविका केवल इन निर्माण कार्यों पर निर्भर थी। यह भत्ता उन्हें दैनिक आवश्यकताओं जैसे भोजन, आवास, और अन्य आवश्यक खर्चों के लिए मदद करेगा।

65 करोड़ रुपये का बजट और योजना की विशेषताएं

हरियाणा सरकार ने इस वित्तीय सहायता योजना के लिए 65 करोड़ रुपये का बजट तय किया है, जो उन मजदूरों को प्रदान किया जाएगा, जिनका जीवन निर्माण कार्यों से जुड़ा है। यह भत्ता एक निश्चित राशि के रूप में होगा, जिसे हर हफ्ते उन मजदूरों के खातों में भेजा जाएगा।

मंत्री अनिल विज ने बताया कि यह योजना न केवल मजदूरों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, बल्कि उनके जीवन स्तर को बनाए रखने में भी मदद करेगी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस योजना के तहत मजदूरों के नामों की सूची तैयार करने के लिए सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर रही है।

योजना का उद्देश्य और महत्त्व

इस योजना का प्रमुख उद्देश्य उन मजदूरों को तात्कालिक वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जो निर्माण कार्यों पर निर्भर थे और जिनकी आजीविका प्रतिबंधों के कारण संकट में आ गई है। यह भत्ता उन्हें उनके दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए कुछ राहत देगा, जिससे उनके परिवारों को संकट की स्थिति से बाहर निकाला जा सके।

इसके अलावा, इस योजना से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि मजदूरों को किसी भी प्रकार की आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े। यह कदम प्रदूषण नियंत्रण के उपायों के साथ-साथ मजदूरों की भलाई सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

मजदूरों के लिए राहत की उम्मीद

इस योजना की घोषणा से उन लाखों मजदूरों को राहत मिल सकेगी, जो निर्माण कार्यों पर निर्भर थे। चूंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के कारण निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगने से उनकी नौकरी चली गई है, ऐसे में यह योजना उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने में मददगार साबित होगी।

इस योजना के माध्यम से, सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठा रही है, बल्कि उन लोगों के प्रति भी संवेदनशील है, जिनकी रोज़ी-रोटी इन कार्यों पर निर्भर है। मजदूरों को इस सहायता से निश्चित रूप से राहत मिलेगी, और उनका जीवनयापन बेहतर होगा।

अन्य राज्य सरकारों के लिए एक उदाहरण

हरियाणा सरकार का यह कदम अन्य राज्य सरकारों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है, जो इस तरह की संकटपूर्ण परिस्थितियों में अपने श्रमिकों के लिए सहायक योजनाओं की शुरुआत कर सकती हैं। प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में कदम उठाने के साथ-साथ, श्रमिकों की भलाई को भी सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

हरियाणा सरकार ने इस योजना के जरिए यह सिद्ध कर दिया है कि सरकार के लिए विकास और पर्यावरण की सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण अपने नागरिकों का कल्याण है। यह योजना न केवल हरियाणा के मजदूरों के लिए, बल्कि पूरे देश में इस तरह की समस्याओं से जूझ रहे मजदूरों के लिए एक सकारात्मक संदेश भेजती है।

मजदूरों के लिए अगले कदम

अब जब सरकार ने 65 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया है, तो अगला कदम यह होगा कि मजदूरों के खातों में जल्द से जल्द यह भत्ता भेजा जाए। इसके लिए सरकार और संबंधित विभागों को एक योजना तैयार करनी होगी, ताकि कोई भी मजदूर इस सहायता से वंचित न रहे। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी मजदूरों के नामों की सूची तैयार हो, और उन्हें इसका फायदा मिल सके।

हरियाणा सरकार का यह कदम उन मजदूरों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, जिनकी रोज़ी-रोटी निर्माण कार्यों पर निर्भर थी। 65 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता योजना से न केवल उनके दैनिक खर्चों में मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें इस कठिन समय में कुछ राहत भी मिलेगी। सरकार के इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि वह पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ अपने नागरिकों की भलाई भी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।