Haryana से बड़ी खुशखबरी आ रही है, जहां अमेरिकी कंपनियां जल्द ही राज्य में बड़ा निवेश करने जा रही हैं। इस निवेश के कारण यहां एक लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिलेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमेरिका हरियाणा में बड़े पैमाने पर निवेश करने की योजना बना रहा है। यह निवेश राज्य में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए चिन्हित 2988 एकड़ भूमि में किया जाएगा। आज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हरियाणा भवन में अमेरिकी राजदूत के साथ MOU (स्मारक समझौता पत्र) पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके बाद अमेरिकी कंपनियां हिसार में निवेश करेंगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर योजना
जानकारी के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकार हरियाणा में बड़े पैमाने पर औद्योगिक गतिविधियों की शुरुआत करने जा रही है। इसके तहत हिसार हवाई अड्डे के पास 1605 एकड़ भूमि पर इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (आईएमसी) स्थापित करने की योजना है। इसके साथ ही बड़ी कंपनियां यहां निवेश करेंगी, जिससे न केवल औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, बल्कि हरियाणा के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। हरियाणा सरकार का दावा है कि इस इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के गठन से एक लाख से अधिक नौकरियां पैदा होंगी।
हिसार हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं
आपको बता दें कि इससे पहले हिसार हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं शुरू करने के लिए हरियाणा सरकार और एलायंस एयर एविएशन लिमिटेड के बीच MOU (स्मारक समझौता पत्र) साइन किया जा चुका है। हिसार हवाई अड्डे से फ्लाइट सेवाओं के शुरू होने से हरियाणा में परिवहन उद्योग को एक नया आयाम मिलेगा।
ड्राई पोर्ट के जरिए बढ़ेगी उद्योग की गतिविधियां
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हरियाणा में नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NICDC) के तहत एक औद्योगिक क्लस्टर स्थापित किया जा रहा है। इस परियोजना पर 4694.46 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। हिसार हवाई अड्डे पर बनने वाला ड्राई पोर्ट परिवहन उद्योग को बढ़ावा देगा। यहां निर्मित सामानों को अन्य स्थानों तक पहुंचाने के लिए बड़े कंटेनर और ट्रकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए पास के डीएफसी (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) स्टेशन का उपयोग किया जाएगा। हिसार से अंबाला 208 किलोमीटर पूर्व, रेवाड़ी 156 किलोमीटर पश्चिम, लॉजिस्टिक हब/ड्राई पोर्ट और आईसीडी कापाशेहरा 182 किलोमीटर दूर है, आईएमएलएच नंगल चौधरी 189 किलोमीटर दूर और कांडला सी पोर्ट 1055 किलोमीटर दूर है।
प्रारंभिक कार्य की रूपरेखा
जानकारी के अनुसार, Phase 1 में 1605 एकड़ भूमि के कुल क्षेत्रफल में से 980.20 एकड़ और 61% भूमि का उपयोग उद्योग और लॉजिस्टिक्स के लिए किया जाएगा, 39.02 एकड़ और 2% भूमि का उपयोग वाणिज्यिक कार्यों के लिए किया जाएगा, 48.60 एकड़ और 3% भूमि सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक सेवाओं के लिए आवंटित की जाएगी, 34.90 एकड़ और 2% भूमि आवासीय उपयोग के लिए रखी जाएगी, 28.50 एकड़ और 2% भूमि सेवाओं के लिए, 242.52 एकड़ और 15% भूमि हरित क्षेत्र और जल निकायों के लिए तथा 231.26 एकड़ और 15% भूमि सड़कों और उपयोगिता सेवाओं के लिए निर्धारित की जाएगी।
हिसार हवाई अड्डे को जल्द मिलेगा लाइसेंस
हरियाणा के पहले हवाई अड्डे का सपना अब जल्द ही सच होने जा रहा है। हिसार हवाई अड्डे को दिसंबर के महीने में लाइसेंस मिल सकता है। इसकी प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और हवाई अड्डे के अधिकारियों का कहना है कि इस सप्ताह लाइसेंस मिल सकता है। अगर हिसार हवाई अड्डे पर विमान उड़ान भरने लगते हैं, तो यह हवाई अड्डा पांच राज्यों से जुड़ जाएगा। यहां से चंडीगढ़, अयोध्या, अहमदाबाद, जयपुर और जम्मू के लिए फ्लाइट्स शुरू की जाएंगी। इन फ्लाइट्स को अगस्त में शुरू करने की योजना थी, लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण यह योजना टल गई थी। इसके लिए एलायंस एयर एविएशन लिमिटेड के साथ एक समझौता किया गया है।
कुल मिलाकर रोजगार के अवसरों में होगी बढ़ोतरी
इस योजना के तहत हरियाणा में बड़े पैमाने पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू होने जा रही हैं, जिससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इस परियोजना से लगभग एक लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिल सकेगा, जो हरियाणा में आर्थिक विकास के लिहाज से एक बड़ी उपलब्धि होगी।
हरियाणा में अमेरिकी कंपनियों का निवेश राज्य के औद्योगिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, और राज्य में औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि होगी। हिसार हवाई अड्डे के लिए लाइसेंस प्राप्त करना और इसके माध्यम से नई फ्लाइट सेवाओं का शुरू होना भी हरियाणा के परिवहन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास होगा। इन सभी योजनाओं का लक्ष्य हरियाणा को औद्योगिक और रोजगार के दृष्टिकोण से एक प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाना है।