Top24News, Haryana के सरकारी डॉक्टर एक बार फिर से Strike पर जाने की तैयारी में हैं। इस हड़ताल का सीधा असर राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ सकता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम हड़ताल के कारणों, इसके संभावित प्रभावों और इससे निपटने के उपायों पर चर्चा करेंगे।
मांगों को लेकर सुनवाई नहीं होंने से परेशान डाक्टर गुरूवार को हडताल पर रहेंगे। हडताल मे चलते एक बार फिर हरिरयाणा स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा जाएंगी। जिससे लोगो को काफी परेशानी झेलनी पडेगी।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल बताया कि सरकार बार मांगो को लेकर गंभीर नहीं हैं।। लंबित मांगों पर बैठक करके सहमति होने के बावजूद भी सरकार लापरवाही बरत रही है। समझोता होने के बावजूद कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है।
रात से सेवाए बंद: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (HCMS) की राज्यस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक के बाद राज्य प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया ने कहा कि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई है। इसी के चलते आज रात से ही एमरजेंसी सेवाओं के साथ तमाम स्वास्थ्य सेवाएं बंद पूर्णतया बंद कर दी जााएंगी।
इस मांगो पर बनी थी सहमति
बता दे हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (HCMS) व प्रदेश सरकार के बीच मांगो को लेकर बैठक हुई थी। 18 जुलाई को हुई बैठक में एसीएस ने 4, 9, 13 साल की सेवा पर एशोयर करियर प्रोग्रेशन (एसीपी) की अधिसूचन का आश्वासन दिया गया था।
एसीपी 5, 10, 15 साल पर दिया जाता ह। इतना ही नहीं इसके साथ साथ पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए बांड राशि घटाकर 50 लाख करने व सीधी एसएमओ भर्ती नहीं किए जाने पर भी सहमति जताई गई थी।
स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव
सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल का राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को सही समय पर इलाज मिलना मुश्किल हो सकता है। आपातकालीन सेवाओं में भी अड़चनें आ सकती हैं, जिससे मरीजों की जान को खतरा हो सकता है।
बता दे कि 18 जुलाई को प्रदेश सरकार के साथ हुई बैठक में आश्वासन दिया गया था कि 25 जुलाई से सभी पूरी की जाने वाली मागों को लेकर आदेश होने थे। लेकिन अभी तक कुछ नही किया गया।