ITR Filing: 12 लाख है सैलरी जो नही भरना होगा टैक्स, जानिए टैक्स बचाने की टिप्स !

ITR Filing: आयकर रिटर्न फाइल (Income Tax Return) करने की आखिरी तारीख तेजी से नजदीक आ रही है। इनक विभाग से बार बार आपकी मेल पर अलर्ट भी आ रहा होगा। अगर आप टैक्स पेई तो आपका घबराने की जरूरत नही है। हम आपको ऐसी उपाय बताएंगे ​की अगर आपकी सैलरी 12 लाख तो भी आपका जीरो टैक्स लगेगा।

 

अगर आप टैक्स की प्लानिंग (Tax Planning) साल शुरू होने के साथ ही शुरू कर दें तो आप काफी सारा टैक्स बचा सकते हैं। अगर समझदारी से सेविंग करे तो आपकी सैलरी पर टैक्स जीरो (Zero Tax) भी आसानी से हो सकता है।Income Tax Return

अगर आप हर निवेश और रीइम्बर्समेंट को अधिकतम सीमा तक इस्तेमाल करें तो आप आसानी से 12 लाख रुपये तक की सैलरी पर भी टैक्स छूट पा सकते है। हालांकि, इसके जरिए जरूरी है कि आप पुराने टैक्स स्लैब को चुनें। यहां पर कुछ टिप्स बताए है जाने कैसे टैक्स चाए

सबसे पहले अपने सैलरी स्ट्रक्चर पर करें काम

बता दे कि आप खुद से तय कर सकते हैं कि आपको कितने पैसे रीइम्बर्समेंट में चाहिए और कितने पैसे टैक्सेबल सैलरी की तरह रहे। रीइम्बर्समेंट में कन्वेंस, एलटीए, फूड-कूपन या इंटरटेनमेंट, इंटरनेट या फोन बिल और पेट्रोल जैसे विकल्प मिलते हैं। ये सभी टैक्स बचाने में एक अहम रोल निभाते है। लेकिन एचआरए से भी आप मोटा टैक्स बचा सक​ते है।

जानिए कैसे एचआरए का उठाएं पूरा फायदा

जब आप एचआरए को क्लेम कर रहे हों तो आपको 3 तरह के आंकड़े निकालने होते हैं। उनमें से जो भी आंकड़ा सबसे कम होता है, उस पर ही आपको छूट दी जाती है। ध्यान रहे कई बार पुराने रिकोर्ड को चैक जाता है कि वह अपने कितना लेता था।

नियम एक: जो एचआरए कंपनी की तरफ से सैलरी में दिया गया है, उसे पूरा क्लेम किया जा सकता है।
नियम दो: मेट्रो शहर में बेसिक सैलरी का 50 फीसदी और नॉन मेट्रो शहर में बेसिक सैलरी का 40 फीसदी तक एचआरए क्लेम कर सकते हैं।

नियम तीन: आपके कुल रेंट में से बेसिक सैलरी का 10 फीसदी घटाने के बाद जो राशि बचती है, उतना एचआरए आप क्लेम कर सकते हैं।

यहा जानिए पूरी डिटेल्स

अगर आपकी बैसिक सैलरी करीब 7 लाख रुपये है। जानिए तीनो नियकों में आपका एचआरए कितना होगा।


नियम एक: कंपनी की तरफ से आमतौर पर बेसिक सैलरी का करीब 40 फीसदी एचआरए मिलता है। यानी आपको करीब 2.4 लाख रुपये एचआरए मिलेगा।

नियम दो: मेट्रो शहर में रहने की वजह से आप 50 फीसदी यानी 3 लाख रुपये तक एचआरए ले सकते हैं।
नियम तीन: 20 हजार रुपये के हिसाब से आपका सालाना किराया होता है करीब 2.4 लाख रुपये। इसमें से बेसिक सैलरी का 10 फीसदी यानी 60 हजार रुपये घटाने के बाद आपका अमाउंट आता है 1.8 लाख रुपये भी आप तीसरे नियम के अनुसार ले सकते है।

अब देखा जाए तो इन तीनों आंकड़ों में 1.8 लाख रुपये सबसे कम है। अक्सर कपंनी सबसे कम वाला ही पास करती है।

लीव ट्रैवल अलाउंस से घूमने का खर्चा करें कम Income Tax Return

बता दे एलटीए का फायदा आप 4 साल में दो बार ले सकते हैं। इसके तहत आपके कहीं घूमने जा सकते हैं और आने-जाने के किराए पर आपको लीव ट्रैवल अलाउंस का फायदा मिल सकता है। अमूमन कंपनियों की तरफ से बेसिक सैलरी का करीब 10 फीसदी लीव ट्रैवल अलाउंस की तरह दिया जाता है। लेकिन कई कंपनियो ये फिक्स भी दिया जाता है।

अब आपकी 6 लाख रुपये बेसिक सैलरी है तो आपको करीब 60 हजार रुपये का लीव ट्रैवल अलाउंस मिल जाएगा। अगर सालाना के हिसाब से एवरेज निकालें तो आपको करीब 30 हजार रुपये पर टैक्स छूट मिलेगी।

 

कन्वेंस रीइम्बर्समेंट: आपको कंपनी की तरफ से आमतौर पर करीब 1-1.5 लाख रुपये तक का रीइम्बर्समेंट मिल सकता है। मान लेते हैं कि आपकी कंपनी आपको 1.5 लाख रुपये का कन्वेंस रीइम्बर्समेंट देती है, तो इतने पैसे आपके लिए नॉन-टैक्सेबल हो जाएंगे।

इंटरनेट बिल: आज के वक्त में लगभग हर बिजनेस को इंटरनेट ब्रॉडबैंड की जरूरत होती है। अच्छी स्पीड वाला इंटरनेट ब्रॉडबैंड आपको 700-1000 रुपये प्रतिमाह में मिल ही जाता है। ऐसे में करीब इतने ही पैसे कंपनी रीइम्बर्समेंट में भी देती है. अगर आपकी सैलरी में यह कंपोनेंट नहीं है तो इसे सैलरी में शामिल कराएं और टैक्स छूट पाएं।

फूड या एंटरटेनमेंट रीइम्बर्समेंट: पहले ये रीइम्बर्समेंट फूड कूपन की तरह मिला करता था, जो अब आप अपना खाने-पीने का बिल दिखाकर उसके बदले हासिल कर सकते हैं। इससे तहत कंपनी आमतौर पर करीब 2000 रुपये प्रति माह यानी 24 हजार रुपये सालाना आसानी से दे देती है।

यूनीफॉर्म, फ्यूल, बुक्स और अन्य: अलग-अलग कंपनियां यूनीफॉर्म, फ्यूल, बुक्स, मैगजीन, पेपर आदि के नाम पर भी कुछ रीइम्बर्समेंट देती हैं। ये हर कंपनी का अपना अपना नियम पर तय करता है।

कई डिडक्शन भी मिलते हैं आपको

इनकम टैक्स एक्ट के तहत आपको कुछ डिडक्शन भी मिलते हैं जो टैंक्स छूट में काफी मददगार साबित होते हैं।

नियम एक: सबसे पहले तो हर नौकरीपेशा को 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। मतलब आपकी जितनी भी सैलरी हो, उसमें से आंख बंद कर के 50 हजार रुपये हटा दिया जाता है।

नियम दो: दूसरा सबसे बड़ा डिडक्शन मिलता है 80C का, जिसके तहत आप 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट पा सकते हैं। इसमें पीपीएफ, ईपीएफ सुकन्या समृद्धि योजना, एनपीएस, बच्चे की ट्यूशन फीस, जीवन बीमा प्रीमियम आदि आते हैं।

नियम तीन: 80CCD(1B) के तहत आपको NPS में अतिरिक्त 50 हजार रुपये के निवेश का फायदा मिलता है। आप अपने भविष्य को सुरक्षित करते हुए कुछ अतिरिक्त टैक्स बचा सकते हैं। इसको आपकी सैलरी से हटाकर टैक्स बनाया जाएगा। यानि ये काफी टैक्स सेविंग के लिए सहायक है।

नियम चार: आज के वक्त में हर कोई हेल्थ इंश्योरेंस तो लेता ही है। सेक्शन 80D के तहत आप खुद के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेकर 25 हजार रुपये तक पर टैक्स बचा सकते हैं। साथ ही माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेकर भी 25 हजार रुपये पर टैक्स बचा सकते है।

यानी इसके तहत आपका कुल डिडक्शन 50 हजार रुपये तक हो सकता है। अगर आपके माता-पिता 65 साल की उम्र से अधिक के हैं तो आपको उनके लिए डिडक्शन 50 हजार रुपये मिलेगा। ऐसे में आप 75 हजार रुपये तक टैक्स बचा पाएंगे।

अब जानिए पूरा टैक्स सिस्टम

बता दे कि टैक्स कैलकुलेशन के कुल 4 हिस्से हैं।

  • पहला है एचआरए, जिसके तहत आपको 1.80 लाख रुपये तक पर टैक्स छूट ले सकते है।
  • दूसरा हिस्सा है रीइम्बर्समेंट का. अगर ऊपर बताए गए सारे रीइम्बर्समेंट को जोड़ दें तो आप कुल 1.98 लाख रुपये का रीइम्बर्समेंट पा सकते हैं।
  • वहीं तीसरा हिस्सा है डिडक्शन का. तमाम सेक्शन के तहत मिलने वाले डिडक्शन को जोड़ लें तो आपको कुल 3 लाख रुपये का डिडक्शन मिलेगा।
  • चौथा हिस्सा लीव ट्रैवल अलाउंस है, जिस पर आप 4 साल में दो बार ही फायदा ले सकते हैं. तो अगर सालाना के हिसाब से एवरेज निकालें तो आपको करीब 30 हजार रुपये पर टैक्स छूट मिलेगी। यानी आपकी सैलरी में से सीधे-सीधे 7.08 लाख रुपये पर टैक्स नहीं लगेगा।
  • आपकी सालाना सैलरी थी 12 लाख रुपये है तो इन चार नियमों के चलते 7.13 लाख रुपये पर टैक्स नहीं लगेगा।
  • ऐसे में आपकी टैक्सेबल सैलरी बचती है 4.92 लाख रुपये बची। आपकी टैक्सेबल सैलरी 5 लाख रुपये से कम है, इसलिए इस पर आपको 87A के तहत रिबेट भी मिलेगी।

 

Documents for Income Tax Return filing

टैक्सपेयर को अपनी आय के हिसाब से Documents और जानकारी की आवशकता होती है, जो की इस प्रकार से है.

फॉर्म 16 (वेतनभोगी करदाता)
बैंक पासबुक, बैंक स्टेटमेंट
इंटरेस्ट सर्टिफिकेट
रेंट से आय
शेयर्स से आय (कैपिटल गेन का स्टेटमेंट)
पूंजीगत लाभ की जानकारी.
अन्य स्त्रोतों से आय
बैलेंस शीट, नफा नुकसान खाता.
इन्वेस्टमेंट की जानकारी
जैसे की LIC, PPF, मेडिक्लैम, डोनेशन.

अब जानिए टैक्स नियम

  • बता दें कि 2.5 लाख रुपये तक की सैलरी पर किसी को भी टैक्स नहीं देना होता है।
  • वहीं 2.5 से 5 लाख रुपये तक की सैलरी पर 5 फीसदी टैक्स लगता है, लेकिन अगर आपकी कुल टैक्सेबल सैलरी 5 लाख या उससे कम है तो सरकार आपको 2.5 लाख रुपये तक पर रिबेट देती है।
  • यानी आपको 12,500 रुपये तक का टैक्स नहीं चुकाना होता है। इस तरह आपका सारा टैक्स जीरो हो जाता है। अब आपकी टैक्सेबल सैलरी बनी है 4.92 लाख रुपये, जो 5 लाख रुपये से कम है, तो आपको भी इस रिबेट का फायदा मिलेगा और आपकी टैक्स देनदारी जीरो (0) हो जाएगी।

Frequently Asked Questions

प्रश्न: भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कितनी आय कर मुक्त है?

उत्तर: वरिष्ट नागरिक करदाता जिनकी आयु ६० वर्ष से अधिक है, उनके लिए ३०,००,००/- तक की आय करमुक्त है.

प्रश्न: क्या वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न दाखिल करना है?

उत्तर: वरिष्ठ नागरिकों आय करमुक्त आय की सीमा से अधिक है, तो आयकर रिटर्न भरना आवश्यक है.

प्रश्न: 50000 की मानक कटौती का दावा कौन कर सकता है?

उत्तर: आयकर अधिनियम के अंतर्गत वेतनभोगी करदाता 50000 की मानक कटौती का दावा कर सकता है

प्रश्न: वरिष्ठ नागरिक की उम्र क्या होती है?

उत्तर: आयकर अधिमियम के अनुसार ६० वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ती वरिष्ठ नागरिक है.

प्रश्न: महिलाओं को इनकम टैक्स में कितनी छूट है?

उत्तर: आयकर अधिनियम में महिलाओ के लिए अलग से कोई छुट नहीं है, वयक्तिक करदाताओ की तरह महिलाओ को भी २५,००,००/- तक की आय करमुक्त है.

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