Online games: प्रतिबंध के बावजूद आनलाईन गेंगो पर क्यों रोक नहीं, इससे लिए जिम्मेदार कौन

Online games: आजकल हमारे समाज में एक नए प्रकार का गेंग उभर रहा है, जो बच्चों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। यह गेंग ऑनलाइन प्लेटफार्म्स और सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चों को आकर्षित करता है, और उन्हें गलत दिशा में ले जाने की कोशिश करता है।

कैसे पहचानें इस गेंग को?
यह गेंग बच्चों को उनके पसंदीदा खेलों या गतिविधियों के माध्यम से आकर्षित करता है। अगर आपका बच्चा अचानक से कुछ नए दोस्तों के साथ समय बिताने लगा है, या उसकी गतिविधियों में अचानक बदलाव आ गया है, तो यह एक संकेत हो सकता है। इसके अलावा, अगर बच्चा अपने ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में बात करने से बच रहा है, तो यह भी चिंता का विषय हो सकता है।

क्या हो सकते हैं नुकसान?
इस गेंग का हिस्सा बनने से बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। वे गलत आदतों का शिकार हो सकते हैं और उनके शैक्षणिक प्रदर्शन पर भी असर पड़ सकता है। इसके अलावा, यह गेंग बच्चों को अपराधिक गतिविधियों में शामिल करने की कोशिश कर सकता है, जो उनके भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है।

क्या करें माता-पिता?
माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के साथ नियमित रूप से संवाद बनाए रखें और उनकी गतिविधियों पर नजर रखें। उन्हें अपने बच्चों को इंटरनेट सेफ्टी के बारे में जागरूक करना चाहिए और उन्हें सिखाना चाहिए कि वे किस प्रकार से ऑनलाइन खतरों से बच सकते हैं।

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के हरियाणा प्रांत सचिव(स्वर्ण जयंती) शेफ तरुण सिकरवाल व रेवाड़ी जिला अध्यक्ष विपिन धींगरा, संगठन मंत्री कृष्ण कुमार, धारुहेड़ा प्रभारी मनीष शर्मा ने बैठक कर ऑनलाइन गेम के दष्प्रभाव पर चिन्ता जताई । कहा कि आज प्रत्येक घर के बच्चे के हाथ मे मोबाइल होने के कारण ऑनलाइन गेम खेलने के आदी हो चुके हैं।

जिससे उनकी शिक्षा व समय दोनों नष्ट हो रहे हैं। शारीरिक रूप से भी बच्चे दुर्बल हो रहे हैं, जिसको देखते हुए अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने ऑनलाइन गेम के विरुद्ध एक क्रांति छेड़ी है जिसमें जागरूकता के तहत जगह-जगह बैठक और गोष्ठी आयोजित करके ऑनलाइन गेम के दुष्प्रभाव से अवगत करवा रहे हैं। अभी हाल ही में अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रयास से गलत कंटेंट दिखाने वाले 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म को भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा बन किया गया जो एक सार्थक पहल है।