PM Modi शुक्रवार को बिहार के जमुई जिले का दौरा करेंगे। यह यात्रा एक खास अवसर पर हो रही है, क्योंकि 15 नवंबर को मनाए जाने वाले आदिवासी गौरव दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी जमुई पहुंचेंगे। आदिवासी गौरव दिवस, भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के रूप में मनाया जा रहा है, और इस दिन को आदिवासी समुदायों के योगदान और उनकी संस्कृति को सम्मानित करने के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी इस मौके पर बिहार में कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिनकी कुल लागत 6640 करोड़ रुपये से अधिक है।
प्रधानमंत्री मोदी का आदिवासी समुदाय के प्रति योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा आदिवासी समुदायों के विकास के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताई है। इस बार, आदिवासी गौरव दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, वे इन समुदायों के जीवन स्तर को सुधारने और उनके अधिकारों को सशक्त करने के उद्देश्य से हैं। इन परियोजनाओं के माध्यम से शिक्षा, रोजगार, और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं, जिससे आदिवासी समुदायों का समग्र विकास हो सके।
मुख्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास
प्रधानमंत्री मोदी जमुई में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने के लिए दो आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय और दो आदिवासी अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन करेंगे। इन संस्थानों का उद्देश्य आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की संघर्षों को संरक्षित करना और आदिवासी समाज के योगदान को राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत करना है। इस कदम से आदिवासी समुदाय के इतिहास और उनकी बहादुरी को नई पीढ़ी तक पहुंचाना संभव होगा।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी PM-Janman योजना के तहत 11,000 आदिवासी समुदायों के लिए निर्मित घरों के गृह प्रवेश कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। इस योजना का उद्देश्य आदिवासी परिवारों को बेहतर आवासीय सुविधाएं प्रदान करना और उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार करना है।
नए शैक्षिक और रोजगार अवसर
प्रधानमंत्री मोदी जमुई में 10 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का शिलान्यास करेंगे। ये विद्यालय आदिवासी बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेंगे, जिससे उनके शैक्षिक स्तर में सुधार होगा और वे बेहतर अवसरों की ओर अग्रसर होंगे। इसके साथ ही, 300 वन धन विकास केंद्रों की शुरुआत की जाएगी, जिनका उद्देश्य आदिवासी युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है। इन केंद्रों के माध्यम से आदिवासी समुदाय के सदस्य अपने पारंपरिक कारीगरी और कौशल का उपयोग करके आय अर्जित कर सकेंगे।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाने के लिए 23 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स और अतिरिक्त 30 यूनिट्स की शुरुआत की जाएगी। ये मोबाइल मेडिकल यूनिट्स दूर-दराज के आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का काम करेंगी, जिससे वहां के लोगों को इलाज के लिए लंबी यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।
प्रधानमंत्री की यात्रा का उद्देश्य
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केंद्रीय सरकार की समावेशी और सतत विकास की दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में समग्र विकास को बढ़ावा देना है। सरकार का लक्ष्य आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करना है, ताकि आदिवासी समुदाय का समग्र विकास हो सके और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) ने जमुई के बालापुर मैदान को अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया है। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, इस कार्यक्रम स्थल पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और कानून-व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। इसके अलावा, कार्यक्रम स्थल पर तीन हेलिपैड्स, जर्मन हैंगर टेंट्स, और लगभग 25,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है, ताकि सभी श्रद्धालु और दर्शक इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बन सकें।
समापन और भविष्य की दिशा
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा आदिवासी समुदाय के प्रति उनकी सरकार की प्रतिबद्धता को और भी मजबूत करेगा। सरकार की योजना है कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार लाया जा सके। इन परियोजनाओं के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी समाज के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए ठोस कदम उठाए हैं। आदिवासी गौरव दिवस के इस मौके पर, प्रधानमंत्री मोदी ने यह साबित कर दिया है कि उनका उद्देश्य केवल विकास नहीं, बल्कि आदिवासी संस्कृति और उनके योगदान को सम्मान देना भी है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा एक ऐतिहासिक मोड़ पर हो रही है, और इस यात्रा से बिहार के आदिवासी समुदाय को न केवल नई परियोजनाओं के रूप में लाभ मिलेगा, बल्कि उनकी सांस्कृतिक पहचान और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को भी सशक्त किया जाएगा।