Political News Haryana: चुनावों से मिड डे मील वकर्स बने सीएम के गले की फास

Political News Haryana : हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और इसी क्रम में मिड डे मील वकर्स अपनी मांगों को लेकर सडकों पर उतर आए हैं। उनकी मांगें क्या हैं और क्यों वे आंदोलन कर रहे हैं, आइए जानते हैं।

मिड डे मील वकर्स की मांगे
मिड डे मील वकर्स की प्रमुख मांगों में से एक है उनकी नौकरी को स्थायी करना। वे वर्षों से अस्थायी के रूप में काम कर रहे हैं और अब स्थायी नौकरी की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही, वे वेतन वृद्धि की भी मांग कर रहे हैं, क्योंकि वर्तमान वेतन उनके लिए पर्याप्त नहीं है।

एआईयूटीयू के प्रदेशाध्यक्ष कामरेड राजेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान में मिड-डे मील वर्कर्स को 7 हजार रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है। कई बार तो वेतन देरी से दिया जाता है।

 चुनावों से मिड डे मील वकर्स बने सीएम के गले की फास
चुनावों से मिड डे मील वकर्स बने सीएम के गले की फास

विरोध करते हुए कहा कि State Government मिड-डे मील वर्कर्स की सेवाओं को नियमित करे। उन्हें हर महीने की 7 तारीख को कम से कम 28 हजार रुपए मासिक वेतन दिया जाए

वकर्स ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि बढ़ती महंगाई के चलते इतने मानदेय में गुजार नहीं होता है। उनकी सेवाओं को नियमित किया जाए और उन्हें 28 हजार रुपए Monthly salary दी जााएगा ताकि सही जीवन यापन किया जा सके।

 

विधानसभा चुनावों का प्रभाव
विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण, मिड डे मील वकर्स की मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का यह सही समय है। सरकार उनके मुद्दों को हल करने के लिए खास कदम उठा सकती है, ताकि चुनाव में उनका समर्थन मिल सके।

आंदोलन का भविष्य
अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो मिड डे मील वकर्स अपने आंदोलन को और भी तेज कर सकते हैं। इसका असर न केवल शिक्षा प्रणाली पर पड़ेगा, बल्कि चुनावी समीकरणों पर भी देखने को मिल सकता है।

इस प्रकार, मिड डे मील वकर्स की मांगें और उनका आंदोलन विधानसभा चुनावों में अहम भूमिका निभा सकते हैं।