दिल्ली से श्रीनगर तक Vande Bharat train की सेवा जल्द, जम्मू और कश्मीर यात्रा होगी आसान

Vande Bharat train

Vande Bharat train: जम्मू और कश्मीर यात्रा करने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। अब बहुत जल्द दिल्ली से श्रीनगर के बीच Vande Bharat train चलने की संभावना है। रेलवे ने दिल्ली से कन्नियाकुमारी और श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन की सेवा शुरू करने के लिए जोरदार तैयारी शुरू कर दी है। रेलवे का लक्ष्य है कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना 31 दिसंबर तक पूरी हो जाए, ताकि आगामी गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन कर सकें।

रेलवे की तैयारी और चुनौतियां

उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक में सबसे बड़ी चुनौती बनिहाल है, जिसके लिए 111 किलोमीटर का रेल रूट तैयार किया गया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यदि काम इसी गति से चलता रहा, तो गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं। यह रेल लिंक जम्मू और कश्मीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे राज्य की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यहां आने वाले पर्यटकों के लिए यात्रा आसान हो जाएगी।

Vande Bharat train

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पहल

जम्मू और कश्मीर की आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी। इस बैठक में राज्य की वित्तीय प्रगति और केंद्रीय मदद पर चर्चा की गई।

 

मुख्यमंत्री ने इस दौरान राज्य के स्थानीय राजस्व को बढ़ाने और केंद्र सरकार पर निर्भरता कम करने के उपायों पर चर्चा की। इस बैठक की अहमियत इसलिए भी थी क्योंकि जम्मू और कश्मीर में छह साल के केंद्रीय शासन के बाद नेशनल कांफ्रेंस (NC) सरकार अपना पहला बजट प्रस्तुत करने वाली है।

नई निवेश और रोजगार के अवसर

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बैठक में राज्य के विकास के लिए निवेश आकर्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन के लिए पर्यटन, कृषि और बागवानी जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी में निवेश की आवश्यकता को भी रेखांकित किया, ताकि जम्मू और कश्मीर को एक बेहतर निवेश गंतव्य के रूप में विकसित किया जा सके।

राज्य की कनेक्टिविटी में सुधार की आवश्यकता

मुख्यमंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि जम्मू और कश्मीर में कनेक्टिविटी के मामलों में सुधार से न सिर्फ स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। नई रेल लिंक, सड़क निर्माण और हवाई मार्ग के विस्तार से राज्य के अंदरूनी क्षेत्रों से जुड़ाव बढ़ेगा, जिससे पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

प्रमुख केंद्रीय नेताओं से मुलाकातें

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की और एक दिन पहले ही उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी संवाद किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और बिजली मंत्री मनोहर लाल से भी अलग-अलग बैठकें की थीं। इन बैठकें में जम्मू और कश्मीर के विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई थी।

वंदे भारत ट्रेन का महत्त्व

दिल्ली से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन की सेवा शुरू होने से जम्मू और कश्मीर की कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जो न केवल राज्य के निवासियों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी यह एक आकर्षण का केंद्र बनेगा। वंदे भारत ट्रेन की अत्याधुनिक सुविधाएं यात्रियों को एक आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्रदान करेंगी। इस ट्रेन की शुरूआत से जम्मू और कश्मीर में पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि राज्य में पर्यटकों का आगमन इस कनेक्टिविटी के चलते अधिक बढ़ सकता है।

आर्थिक विकास के रास्ते पर जम्मू और कश्मीर

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का मानना है कि जम्मू और कश्मीर के विकास के लिए केंद्र सरकार से सहयोग बेहद जरूरी है। हालांकि, राज्य सरकार की योजनाओं को लागू करने के लिए राज्य के अंदर ही निवेश आकर्षित करना और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना भी अहम है। वंदे भारत ट्रेन के जरिए राज्य की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की योजना से जम्मू और कश्मीर को देश भर से जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य के आर्थिक विकास को और बल मिलेगा।

वंदे भारत ट्रेन का दिल्ली से श्रीनगर तक चलने का सपना अब जल्द ही साकार होता नजर आ रहा है। यह राज्य की कनेक्टिविटी को सुधारने और जम्मू और कश्मीर के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला कदम हो सकता है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पहल और केंद्रीय सरकार के सहयोग से यह परियोजना राज्य के विकास की नई दिशा में योगदान करेगी। साथ ही, इससे राज्य में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। जम्मू और कश्मीर की स्थिति में बदलाव लाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।