Singer Pammi Thakur : हिमाचल के उपमंडल नादौन के तेलकड़ गांव के पम्मी ठाकुर के गाने हर किसी की जुबां पर हैं। गुरु जी कलम दवात हथ तेरे… गीत ने पम्मी को खासी पहचान दिलाई।
पिता को गाना सुनाते सुनाते बन गए गायक
हमीरपुर के तेलकड़ गांव के पम्मी ठाकुर पिता को गाने सुनाते-सुनाते गायक बन गए। इनके पिता भाग सिंह घर आते थे तो पम्मी ठाकुर उन्हें गाना सुनाया करते थे। भाग सिंह पम्मी से कहते थे वे किसी भी काम को करते समय शर्म न करें। इसके बाद पम्मी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
पम्मी ठाकुर के पिता भाग सिंह भारतीय सेना से ऑनरेरी कैप्टन सेवानिवृत्त हैं। उपमंडल नादौन के तेलकड़ गांव के पम्मी ठाकुर के गाने हर किसी की जुबां पर हैं। गुरु जी कलम दवात हथ तेरे… गीत ने पम्मी को खासी पहचान दिलाई।
इसमें राम केड़े बेले जपना…, राम नाम दी क्यारी बीज ले…, बाबा जी चंगे मेरे लेख लिखयो जैसे गानों को काफी तारीफ मिली। यू-ट्यूब पर लोग पम्मी के गानों को काफी पसंद कर रहे हैं। उन्होंने 2006 में संगीत की दुनिया में कदम रखा। पम्मी ने चंडीगढ़ से संगीत में एमए की है। उन्होंने पांच साल हमीरपुर में संगीत की बारीकियों को सीखा।
कई राज्योंं में छाए है पम्मी
इनकी पहली एलबम रामा ओ रामा थी। पम्मी की शादी हो चुकी है। उनके दो बेटे हैं। जल्द ही उनकी पहाड़ी नाटी नॉन स्टॉप आने वाली है। पम्मी ठाकुर ने कहा उनकी सफलता में परिजनों का योगदान है। वे पंजाब, दिल्ली और मुंबई में स्टेज शो कर चुके हैं। पम्मी ने कहा कि उन्हें बचपन से गाने का शौक है। Singer Pammi Thakur:
सोशल मीडिया पर इस लोकगीत को अभी तक 19 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं। इस गाने के बाद पम्मी काफी हिट हुए हैं। पम्मी अब तक करीब 15 एलबम निकाल चुके हैं।